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उत्तराखण्ड: कोरोना के डर से भाई अपनी बहन को ऋषिकेश एम्स से घर ले जा रहा था रास्ते में हो गयी मौत

किडनी के इलाज के लिए एम्स में भर्ती बहन की भाई ने कोरोना के डर से छुट्टी करवा ली। लेकिन घर लाते वक्त रास्ते में उसकी मौत हो गई। गांव के लोगों के सवालों के डर से वह बहन के शव को जंगल में ही दफना रहा था कि हाथी के आने के कारण शव छोड़कर भागना पड़ा।

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श्यामपुर पुलिस ने रविवार को पूर्वी गंगनहर पटरी से कंबल में लिपटा हुआ एक युवती का शव बरामद किया था। युवती की उम्र करीब 25 साल थी। उसके हाथ में पट्टी बंधी हुई थी। ग्लूकोज वाली सुई भी हाथ पर लगी हुई थी। पुलिस उसके बारे में जानकारी जुटाने में लगी थी। मृतका की पहचान ज्योति निवासी गांव कोटा वाली के रूप में हुई। पुलिस जब गांव पहुंची तो वहां पर ज्योति के घर ताला लटका मिला। पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि ज्योति एम्स में भर्ती थी और 8 मई को उसका भाई उसे डिस्चार्ज कराकर गांव लौट रहा था। इसके बाद सोमवार को पुलिस उसके भाई तक पहुंची।

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पुलिस की पूछताछ में ज्योति के भाई ने बताया कि वह अपनी बहन को एम्स ऋषिकेश से डिस्चार्ज करा कर वापस लौट रहा था। लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। उसकी मौत को लेकर उसके मन में तरह-तरह के सवाल उठने लगे। ऋषिकेश एम्स में कई लोगों को कोरोना भी हो चुका है। इसलिए उसने शव को वहीं दफनाने का मन बना लिया। इसके लिए उसने गड्डा भी खोदना शुरू कर दिया था। लेकिन तभी उसके सामने हाथी आ गए। हाथियों को देखकर वहां से भाग गया । बाद में डर के मारे मौके पर पहुंचा ही नहीं। पुलिस ने बताया कि युवती के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पोस्टमार्टम के बाद मौत की वजह स्पष्ट हो पाएगी।

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