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कंडाली की झपाक और स्वाद दोनों गजब हैं! वैज्ञानिकों ने बताये है इसके जबरदस्त फायदे

जब भी देवभूमि का नाम लिया जाता है तो पहाड़ी व्यंजन या पहाड़ी खाना का नाम भी लिया जाता है, पहाड़ी व्यजन बहुत ही स्वादिष्ट होते है अब पहाड़ी व्यंजनों को देश दुनिया में प्रसिद्धि मिल रही है कई स्थानों में पहाड़ी व्यंजनों को प्रयोग किया जा रहा है! जितनी खुबसूरत उत्तराखंड की पहाड़ियाँ है उतना ही स्वादिष्ट होता है पहाड़ी खाना।

आज हम आपको कंडाली यानी सिसूणं के बारे में बता रहे हैं। आम तौर पर लोग इसे बिच्छू घास के नाम से जानते हैं। उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में इसे कंडाली और कुमाऊं क्षेत्र में सिसूंण कहा जाता है। ये ना सिर्फ आपकी सेहत के लिए रामबाण इलाज है बल्कि स्वाद के मामले में बेहतरीन है। उत्तराखंड में बिच्छू घास कनाली का कापलु या कापा सर्दियों में बनाते हैं अगर आपको शरीर में पित्त दोष की बीमारी है, तो इसका सेवन जरूर करें। अगर आपके शरीर के किसी हिस्से में मोच आ गई है, तो इसकी पत्तियों के इस्तेमाल से अर्क बनाकर प्रभाविक जगह पर लगा सकते हैं। इससे आपको जल्द ही आराम मिलेगी। इसके साथ ही अगर आपके शरीर में जकड़न महसूस हो रही है, तो इसका साग बनाकर खाएं। इसके साथ ही एक्सपर्ट्स का कहना है कि मलेरिया के इलाज के लिए बिच्छू खास बेहतरीन इलाज है। इसका साग बनाकर मलेरिया के मरीज को देना चाहिए। ये मलेरिया के मरीज के लिए एंटीबायोटिक और एंटी ऑक्सीडेंट का काम करता है। इसके अलावा अगर आपका पेट साफ नहीं हो रहा है, तो इसके बीजों का सेवन करें, आपको फायदा मिलेगा। सर्दियों में इस पौधे की पतियाँ काफी कोमल होती हैं जो खाने में लजीज होती है

सामग्री : बिच्छू घास/ कनाली, नमक , मिर्च ,गरम मसाला , हल्दी स्वाद अनुसार , अदरक ,लहसुन , चावल का मांड या बेसन का आटा , आमचूर के पते |

बनाने की विधि : सबसे पहले बिच्छू घास कनाली के पतों को साफ़ धोकर बर्तन में उबालने के लिये रखिये | उबालने के बाद पतों को निकालकर उसे मिक्सी में पिस लीजिये व उबला हुआ पानी एक तरफ रखिये जो बाद में काम आयेगा | अब आपको मसालों का पेस्ट बनाना है जिसमें अदरक ,लहसुन , मिर्च व आमचूर के कुछ पते | अब आप कढ़ाई में तेल को गर्म करके मसालों का पेस्ट , मिर्च ,गरम मसाला , हल्दी स्वाद अनुसार हलकी आंच में भुनियें अब उसमें मिक्सी का पेस्ट निकालकर कढाई में डालें व नमक स्वाद अनुसार , 2 – 3 मिनट पकने के बाद , उसमें उबला बचा हुआ पानी व चावल का मांड या बेसन का आटा ( बेसन के आटे का पेस्ट ) मिला दीजिये 5 मिनट बाद गरमा गरम परोसें |