Home उत्तराखंड हिलटॉप विवाद: पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी का बड़ा बयान, होने लगी बीजेपी...

हिलटॉप विवाद: पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी का बड़ा बयान, होने लगी बीजेपी सरकार की किरकिरी

उत्तराखंड की सियासत और रोजमर्रा की जिंदिगी में इस बार मानसून से ज्यादा जिस शब्द की चर्चा है वो है हिलटॉप। अब तक देवप्रयाग के नजदीक हो रही इस शराब की बॉटलिंग प्लांट पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ही आमने सामने थे।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना था कि यह प्रोजेक्ट पिछली कांग्रेस सरकार के समय ही तय हो गया था। वर्तमान सरकार उसी पर आगे बढ़ी है और इसका विरोध बेवजह किसी मामले को तूल देने जैसा है। और फिर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि मैने उत्तराखंडी फलों, सब्जियों आदि की खपत को बढ़ाने के लिए जब आबकारी नीति में परिवर्तन किया तो लोगों ने एक शराब का नाम लेकर आसमान सिर पर उठा लिया था। उसमें 10 प्रतिशत फलों का रस ब्लेंड होता था, स्वाद उसका कुछ बदला-बदला सा था। फिर कुमाऊं व गढ़वाल में वाइनरी प्लांट लगाने को लाइसेंस दिए, तो लोग सड़कों पर उतर आए, ऊंचे लोगों के ख्याल ऊंचे होते हैं।

इस पूरे विवाद में अब उत्तराखंड के सबसे बड़े और दिग्गज नेता  और पूर्व मुख्यमंत्री रहे भुवन चंद्र खंडूरी भी सामने आ गए हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ में शराब बेचकर पैसा कमाना आत्महत्या के बराबर है। चाहे किसी भी दल की सरकार हो, उसको वहां ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। उत्तराखंड का मूल स्वरूप देवभूमि का है। वहां आम नागरिक अपनी जमीन बेचकर शराब पिए, इसके वे सख्त खिलाफ हैं। कोई भी सरकार हो, चाहे भाजपा की ही सरकार क्यों न हो, यदि वो ऐसा कोई काम करती है, तो वे इसका विरोध करते हैं।

इससे पहले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती और अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया भी पहाड़ में शराब फैक्ट्री खोले जाने का विरोध कर चुके हैं। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने भी कहा कि उत्तराखंड को हम देवभूमि मानते हैं, वहां नशीली वस्तु का उत्पादन करना उसकी गरिमा को भंग करेगा और इसका परिणाम उत्तराखंड की संस्कृति पर होगा। तोगड़िया ने हरिद्वार में सरकार को आगाह किया कि देवप्रयाग के पास शराब फैक्ट्री नहीं लगाने देंगे।


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here