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उत्तराखंड: चीन सीमा पर 180 फीट लंबा वैली ब्रिज टूटा… अग्रिम चौकियों से कटा संपर्क

भारत-चीन सीमा पर बारिश के बीच 180 फीट लंबा वैली ब्रिज टूट गया है। पुल टूटने से माइग्रेशन गांवों के लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। यह हादसा उस वक्त हुआ जब एक एक खाली टिप्पर वाहन पुल से गुजर रहा था। जैसे ही ये वाहन पुल के बीचोंबीच पहुंचा, पुल अचानक नहल गाड़ में समा गया। भारत के अंतिम गांव कुटी और अग्रिम चौकियों से सड़क संपर्क कट गया है। सीमांत में लगातार बारिश हो रही है। चीन सीमा को जोड़ने वाले आदि कैलास मोटर मार्ग में गुंजी, नाबी से कुटी के बीच रविवार देर रात नहल गाड़ में 180 फीट लम्बा वैली ब्रिज टूट गया। हादसा बीआरओ के खाली टिप्पर के पुल से गुजरने के दौरान हुआ। पुल की भार क्षमता 30 टन बताई जा रही है।

हादसे के दौरान टिप्पर पुल में ही फंसा रह गया। इस दौरान चालक ने किसी तरह निकलकर अपनी जान बचाई। बीआरओ ने करीब दो वर्ष पहले आदि कैलाश मोटर मार्ग में गुंजी नाबी से कुटी के बीच में नहल गाड़ में बैली ब्रिज बनाया था। इसी पुल से चीन सीमा के लिए वाहनों की आवाजाही होती थी। नहल गाड़ में रविवार शाम बीआरओ का खाली वाहन जैसे ही बीच पुल पर पहुंचा तो अचानक बैली ब्रिज ध्वस्त हो गया। गनीमत यह रही कि वाहन चालक या किसी को भी पुल ध्वस्त होने से गंभीर चोटें नहीं आईं। अग्रिम चौकियों में तैनात जवानों को पुल के दुरुस्त होने तक अब पैदल ही आवाजाही करनी पड़ेगी। हालांकि नहल गाड़ से वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जा रहा है।

बीआरओ के कमांडर कर्नल हरीश कोटनाला ने बताया कि शुरुआती तौर पर बारिश के कारण पुल के सपोर्ट प्रभावित होने से यह हादसा होना प्रतीत हो रहा है। अलबत्ता, मामले की विस्तृत जांच की जाएगी। कर्नल कोटनाला ने बताया कि इस मार्ग पर यातायात सुचारु करने के लिए कार्य किया जा रहा है। यह सड़क बीआरओ की है। उसके अधिकारियों को जांच के लिए निर्देशित किया गया है। बीआरओ की तरफ से जानकारी दी गई है कि यहां वैकल्पिक तौर पर जल्द ही यातायात व्यवस्था सुचारु कर दी जाएगी।


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