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गढ़वाल में एक क्वॉरेंटाइन सेंटर ऐसा भी… जहाँ क्वॉरेंटीन बेटा नही दे पाया पिता को मुखाग्नि

कोरोना महामारी में अपने घर वापसी की छूट मिलते ही गाँवो में विभिन्न राज्यों एवं प्रदेशों में रोजगार के लिए गये युवा अपने गांव लौट रहे है । भारत सरकार के निर्देशानुसार विभिन्न प्रदेशों एवं जिलों से आए लोगों को 14 दिन के लिए संस्थागत व होम क्वॉरेंटाइन रहना अति आवश्यक है । आज एक ऐसे ही क्वॉरेंटाइन सेंटर की बात हम कर रहे है जहाँ दो दिन पहले क्वॉरेंटाइन में रह रहे अमर सिंह के 75 वर्षीय पिता आनंद सिंह की गांव में ही मृत्यु हो गयी लेकिन क्वॉरेंटाइन में रहने के कारण अमर सिंह अपने पिता को मुखाग्नि नहीं दे सके और चचेरे भाई यशपाल में अपने चाचा को मुखाग्नि दी । अमर सिंह इस कोरोना काल में सभी के लिए एक उदाहरण है जो निजी कार्यों को छोड़कर सरकारी गाइडलाइन का पूर्ण पालन कर रहे है ।

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ये पूरी घटना क्वॉरेंटाइन विकासखंड बीरोंखाल के ग्राम सुकई की है। सुकई में अभी तक कुल 44 प्रवासी अपने गांव लौट चुके है । गांव पहुँचे प्रवासियों में 11 को प्राथमिक विद्यालय सुकई गांव के एकांत में दो खाली मकानों में 19 को क्वॉरेंटाइन किया गया । जब गांव में प्रवासियों के रहने की जगह नही बची तो ग्राम सभा की ग्राम प्रधान धनेश्वरी देवी के पति सन्दीप ने अपने स्वयं के खर्च से टेन्ट हाउस बनाये जिसमें लाइट पानी व शौचालय की व्यस्था अलग अलग की गयी और स्वयं ही अपना भोजन बनाते है जिससे की गांव के लोग भी सुरक्षित रहें ।

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ग्राम प्रधान धनेश्वरी देवी का कहना है कि सभी लोग क्वॉरेंटाइन का अच्छे से पालन कर रहे है। ग्राम प्रधान और अमर सिंह इस कोरोना काल में सभी के लिए एक उदाहरण है जो निजी स्वार्थ को छोड़कर सरकारी गाइडलाइन का पूर्ण पालन कर रहे है ।

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