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आतंकी बन गया है देहरादून में पढ़ाई करने वाला छात्र शोएब, सुरक्षा एजेंसियों में मचा हडकंप

जम्मू कश्मीर का रहने वाला छात्र शोएब अहमद साल 2016 में अपनी 12वीं की पढाई पूरी करने के बाद देवभूमि उत्तराखंड आ गया था, और अब क्यूँकि देहरादून छात्रों की पढाई का हमेशा से ही पसंदीदा केंद्र रहा है तो उसने प्रेमनगर स्थित एल्पाइन इंस्टीट्यूट में बीएससी आईटी में दाखिला ले लिया था। इस वक्त वह संस्था में तृतीय वर्ष का छात्र का और जनवरी में जब उसने समेस्टर परीक्षा दी थी तो उसके बाद उसने कॉलेज प्रशासन से अपने घर जाने की बात कही थी पर जब 2-3 महीने बीत जाने के बाद भी शोएब वापस देहरादून नहीं आया तो कॉलेज प्रशासन ने शोएब के इंस्टीट्यूट से गायब रहने की खबर उसके घरवालों को भेजी और क्यूंकि तबतक घरवालों को लग रहा था कि वो देहरादून में ही है तो वो निश्चिंत थे। इसके बाद इंस्टीट्यूट के द्वारा संपर्क करने के बाद घरवालों ने उसकी खोजबीन शुरू कर दी थी।

इन सबके बीच पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर कुछ फोटो और विडियो वायरल होने लगे थे जिसमें शोएब आतंकियों की भेषभूषा में नजर आ रहा था। इसके बाद शोएब की मां ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क साधने के साथ ही फेसबुक पर बेटे के वापस घर लौटने का भवनात्मक संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने अपने बेटे शोएब के आतंकी संगठन में शामिल होने की बात कबूली है। आतंकी संगठन हिजबुल मुजाइद्दीन को ज्वाइन करने के बाद शोएब को वहां मुरसी भाई नाम दिया गया है, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में वह अपने हाथ में एके-47 लिए हुए है जहाँ फोटो में उसका नाम, पता, पिता का नाम, हिजबुल मुजाइद्दीन ज्वाइन करने की तिथि और 20 सितम्बर 2018 की तारीख भी लिखी हुई है।

सारी जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियां चोक्कना हो गयी हैं, हरादून पुलिस के साथ ही स्थानीय अभिसूचना इकाई और केंद्रीय जांच एजेंसियां दून स्थित एल्पाइन इंस्टीट्यूट से संपर्क साधने में जुट गयी हैं। इंस्टीट्यूट के साथ ही शोएब के सहपाठियों से भी अहम जानकारी जुताई जा रही है संस्थान के निदेशक डा. एसके चौहान ने बताया कि छात्र को लेकर सारी जानकारी और उसके दाखिले से जुड़ी फाइल को सुरक्षा एजेंसियों कोउपलब्ध करा दिया गया है। कश्मीर से कौन-कौन शोएब से मिलने आया, क्या उनमें कोई आतंकी चेहरा था या नहीं, यहां रहने के दौरान वह कैसे आतंकियों से संपर्क में आया, वह फोन या व्हट्सएप के जरिए विदेश में संपर्क तो नहीं करता था इस तरह के तमाम सवालों के जवाब  पुलिस और इंटेलीजेंस के लोग तलाशने में जुट गये हैं।


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