पालघर मॉब लिंचिंग पर सियासत इन दिनों चरम पर है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पालघर मामले में पकड़े गए 101 आरोपियों की लिस्ट जारी कर दी है। अनिल देशमुख ने कहा कि ये इसलिए साझा किया गया है, क्योंकि इस मुद्दे को सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा था। पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने अपराध के 8 घंटे के भीतर 101 लोगों को गिरफ्तार किया। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि आज व्हाट्सएप के माध्यम से अभियुक्तों के नाम जारी कर रहे हैं, उस सूची में कोई भी मुस्लिम नहीं है।
‘ओए बस‘ को ‘शोएब बस‘समझा गया : सरकार
अफवाहों पर गृहमंत्री देशमुख ने कहा कि वीडियो में एक आवाज सुनाई दे रही है ‘ओए बस’ और कुछ लोगो ने इसे ‘शोएब बस’ कर प्रसारित किया। उन्होंने आगे कहा कि सभी राज्य महामारी से लड़ रहे हैं और कुछ लोगों ने इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की। अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। 16 अप्रैल की रात जब दो साधू और उनका ड्राइवर किसी परिचित के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कार से मुंबई से गुजरात के सूरत जा रहे थे। उनके वाहन को पालघर जिले के एक गांव के पास रोक लिया गया जहां भीड़ ने बच्चा चोरी करने के संदेह में तीनों को कार से बाहर निकाला और उनकी लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी।
पालघर की घटना में पुलिस हिरासत हुए १०१ लोगों की सूची यहाँ सांझा की जा रही है। जो विघ्नसंतोषी इस घटना को धार्मिक रंग देने की पूरी कोशिश कर रहे थे, वह इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें…#ZeroToleranceForCommunalism#LawAndOrderAboveAll pic.twitter.com/o70b2YNHQq
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) April 22, 2020
लॉकडाउन के चलते पुलिस ने साधुओं को हाइवे पर जाने से रोक दिया। फिर इको कार में सवार साधु ग्रामीण इलाके की तरफ मुड़ गए जहां मॉब लिंचिंग के शिकार हो गए। पुलिस की माने तो अफवाह के कारण साधु और ड्राइवर भीड़ के शिकार हुए। भीड़ ने चोर समझ कर साधुओं की गाड़ी रोकी थी। मौके पर फौरन पुलिस भी पहुंची। तमाशबीन बनी रही पुलिस के पास से भीड़ साधुओं को खींचकर ले गई और पीट-पीटकर मार डाला। भीड़ के हत्थे चढ़े साधु मुंबई के जोगेश्वरी स्थित हनुमान मंदिर के थे। दोनों साधु मुंबई से सूरत अपने गुरु के अंतिम संस्कार में जा रहे थे। इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।