जनता की कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए जहाँ डॉक्टर, नर्स, पुलिसकर्मी एवं सफाई कर्मी कोरोना वारियर्स की भूमिका निभा रहे है वहीं कुछ ऐसे सरकारी ऑफिसर हैं जो इन कोरोना वारियर्स की मदद कर रहे है। ऐसी है एक सरकारी ऑफिसर जी श्रीजना है, जिन्होंने 22 दिन पहले ही एक बच्चे को जन्म दिया और 23 वें दिन ऑफिस ज्वाइन किया।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्रेटर विशाखापत्तनम नगर निगम की आयुक्त जी श्रीजना ने दिन पहले ही एक बच्चे को जन्म दिया है। लेकिन कोरोना महामारी की इस घड़ी में कोरोना संक्रमण का खतरा होने के बावजूद भी घर में आराम करने के बजाय अपने कर्तव्य को प्राथमिकता दी। इसलिए डिलीवरी होने के 22 दिन बाद उन्होंने अपने दफ्तर आकर अपना कार्यभार संभाला।
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श्रीजना ने बताया कि “इस वक्त जब देश कोरोना से लड़ रहा है तो पारिवारिक जिम्मेदारियों से आगे देश के प्रति फर्ज है। हालात को देखते हुए वो अपनी डिलीवरी के मात्र 22 दिनों बाद ही ऑफिस लौट आई हैं। जैसे ही उनके बच्चे ने जन्म लिया, केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी। इसके बाद जरूरत को देखते हुए श्रीजना ने मात्र 22 दिनों बाद ही अपना कार्यभार संभाल लिया।”
जब श्रीजना से पूछा गया कि वह इस समय अपने ऑफिस के साथ साथ बच्चे की देखभाल कैसे करती हैं तो उन्होंने इसका श्रेय अपने वकील पति और अपनी मां को दिया। उन्होंने बताया कि वह हर चार घंटे बाद अपने घर जाती हैं ताकि अपने नवजात बच्चे को दूध पिला सकें और इसके बाद काम पर लौट आती हैं। इस दौरान उनके पति और उनकी मां बच्चे की देखभाल करते हैं। कई बार वो बच्चे को ऑफिस भी लेकर आ जाती हैं। इसके लिए वह अपने परिवार का धन्यवाद करती है, जिनका उन्हें पूरा सपोर्ट मिलता है और वह बिना परेशानी के ऑफिस में काम कर पाती हैं।
श्रीजना ने यह भी कहा, “जीवीएमसी यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है कि इलाके में स्वच्छता अभियान चले, गरीबों को जरूरी चीजें मिल पाएं, इसके साथ ही जिला अधिकारियों के साथ सभी स्तरों पर समन्वय स्थापित किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वायरस का संक्रमण रोका जाए।”