उत्तराखंड में सभी घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा अब ऊर्जा मंत्री के गले की फांस बनती नजर आ रही है। उत्तराखंड भाजपा में अंदरखाने इस घोषणा का विरोध होने के बाद ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत के सुर बदल गए हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कोई घोषणा नहीं की थी, केवल विभाग को प्रस्ताव बनाने को कहा था। विभाग प्रस्ताव बना रहा है, इस पर फैसला कैबिनेट को करना है। पिछले सप्ताह ऊर्जा मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने ऊर्जा भवन में तीनों ऊर्जा निगमों के अधिकारियों की बैठक ली थी।
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बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वह प्रदेश में करीब 13 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए हर महीने फ्री बिजली की योजना लेकर आ रहे हैं। इसके तहत हर महीने 100 यूनिट बिजली बिल वालों से कोई पैसा नहीं लिया जाएगा, जबकि 100 से 200 यूनिट बिजली वालों को 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। मीडिया से बातचीत में केजरीवाल की घोषणा पर ऊर्जा मंत्री डा रावत ने उन पर झूठ की राजनीति करने का आरोप मढ़ा। उन्होंने कहा कि केजरीवाल का प्रदेश में कोई जनाधार नहीं है। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में 300 यूनिट बिजली मुफ्त देना मुमकिन नहीं है।
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उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर नागरिक को मुफ्त बिजली देने के लिए विभाग के लाभांश को बढ़ाने की आवश्यकता है। विभाग के लाभांश को काफी बढ़ाकर आम जन को बिजली मुफ्त दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि अगर 2022 में दोबारा भाजपा सरकार सत्ता में आती है, उन्हें ऊर्जा विभाग मिलता है तो वह अगले तीन-चार सालों में घरेलू बिजली पूरी तरह से फ्री कर देंगे। वह ऊर्जा विभाग का लाभांश इतना बढ़ा देंगे कि आसानी से लोगों को फ्री बिजली मिलने लगेगी।