अब एक बार फिर भारत के मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भारत में चर्चा का विषय बन गए हैं। और इसका कारण है उनके द्वारा आज जारी किये गए कुछ वक्तव्य। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने परमाणु, अणु की खोज को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि परमाणु और अणु की खोज चरक ऋषि ने की थी। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि अगर भविष्य में चलता फिरता कंप्यूटर आप देखेंगे तो यह संस्कृत के कारण ही संभव होगा। नासा ऐसा इसलिए कह रहा है क्योंकि यह एक वैज्ञानिक भाषा है जिसमें शब्दों को ठीक उसी तरह लिखा जाता है जिसत से वे बोले जाते हैं।
आईआईटी मुंबई के एक कार्यक्रम में उन्होंने तफसील से बताया कि भारत किस तरह से प्राचीन काल में साइंस के क्षेत्र में सबसे आगे था। डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने पूछा कि आखिर किसने परमाणु और अणु की खोज की। उन्होंने सवाल भी पूछा और खुद जवाब भी दिया। वो कहते हैं कि परमाणु और अणु के बारे में ऋषि चरक ने न केवल खोज की थी बल्कि उस पर शोध भी किया था। वो कहते हैं कि सच तो ये है कि हम अपने ज्ञान और विज्ञान को दुनिया के सामने सही तरीके से पेश नहीं कर सके।
मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि नासा की तरफ से एक बयान आया है कि वो आने वाले समय अगर बातचीत करने वाले कंप्यूटर का विकास हुआ तो वो सिर्फ संस्कृत भाषा की वजह से संभव हो सकेगा। नासा के इस तरह के बयान के पीछे की ठोस वजह भी है। संस्कृत भाषा एक वैज्ञानिक भाषा है जिसमें शब्दों को जिस तरह से बोला जाता है ठीक वैसे ही लिखा भी जाता है। उन्होंने कहा कि अगर आप भारतीय ज्ञान विज्ञान को देखें तो ऐसे कई शोध हैं जिसका उपयोग आज किया जा रहा है। वो न सिर्फ प्रामाणिक हैं बल्कि आम लोगों के लिए फायदेमंद भी।