उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से मौसम की तमाम तरह की चुनौतियां बनी हुई हैं और खासकर पहाड़ में तो हालत काफी गंभीर बने हुए हैं। इसी कड़ी में चमोली जिले के घाट क्षेत्र के बांजबगड़ गांव में तड़के पांच बजे वज्रपात हुआ है। बांजबगड़ गांव में अचानक एक मकान भूस्खगलन की चपेट में आ गया। इसमें मां-बेटी व आली तोक में एक युवती की मौत हो गई। सूचना पर पहुंचे स्थानीय लोग व आपदा प्रबंधन टीम मौके पर रेस्क्यू आपरेशन चला रही है।
जिला आपदा कंट्रोल रूम ने बताया कि सुबह बांजबगड़ गांव में वज्रपात हुआ है। इसमें गांव के अब्बल सिंह का मकान मलबे में दब गए। घर के अंदर सो रही अब्बल सिंह की पत्नी रूपा देवी (35 वर्ष) व बेटी चंदा ( नौ माह) की दबकर मौत हो गई। वहीं, आली गांव में भी भूस्खलन से नेनू राम का मकान दब गया है। दूसरी केदारनाथ हाईवे और बदरीनाथ हाईवे तीसरे दिन भी सुचारु नहीं हो पाया है। केदारनाथ हाईवे बांसवाड़ा में नासूर बना हुआ है जबकि गंगोत्री हाईवे चुंगी बड़ेथी में रविवार को फिर से बाधित हो गया। यमुनोत्री हाईवे पर यातायात सुचारु है। प्रदेश में लगभग 100 संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं। अधिकांश नदियां खतरे के निशान से कुछ नीचे बह रही हैं।
राज्य मौसम केंद्र ने 12 अगस्त को मौसम के तेवर कुछ नरम पडऩे की संभावना जताई है। हालांकि इसके बाद लगातार तीन दिनों तक सात जिलों चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ, नैनीताल, पौड़ी और देहरादून में भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इस अवधि में पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर भूस्खलन की और मैदानी इलाकों में बाढ़ की संभावना बन सकती है।