उत्तराखंड की एक और बेटी अमीषा चौहान ने एक बार फिर पूरे भारत और विश्व में उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। आपकी कुछ जानकारी के लिए आपको फ्लैशबैक में ले चलते हैं बात दिसम्बर महीने की है जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड की इस बेटी को सम्मानित किया था क्यूंकि तब इस बेटी ने सितम्बर माह में माउन्ट गोलाप कांगरी (19822 फीट) की चढ़ाई की थी। तब मुख्यमंत्री ने अमीषा चौहान को अफ्रीका महाद्वीप के तंजानिया जा रही अमीषा को शुभकामनाएं दी थीं तथा उन्हें राष्ट्रीय ध्वज भी प्रदान किया था, क्यूंकि वो तब इस महाद्वीप की सबसे ऊँची चोटी किलिमंजारो को फतह करने के लिए जा रही थी।
और अब अफ्रीका के किलिमंजारो की चोटी को फतह करने में अमीषा चौहान कामयाब हो गयी हैं और वो ऐसा करने वाली भारत की पहली और एकलौती महिला होने का गर्व भी उन्हें हासिल हो गया है। और उसपे भी बड़ी बात ये कि चोटी को फतह करने में अमीषा चौहान को केवल 54 घंटे का समय लगा है। अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊँची चोटी किलिमंजारो की उंचाई 19341 फीट है, और इस बेटी ने जहाँ चड़ने में मात्र 34 घंटे का समय लिया वहीँ उतरने में मात्र 20 घंटे का समय लिया है।
पूरे उत्तराखंड को एक बार फिर से अमीषा चौहान ने खुश होने का मौका दिया है और पूरा प्रदेश पहाड़ की इस बेटी को सलाम कर रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की अमीषा चौहान देहरादून के नकरोंदा की रहने वाली हैं, और उनके पिता आर्मी से रिटायर सूबेदार मेजर रविंद्र सिंह चौहान हैं। तो वेसे भी इस बेटी को साहसिक होने का कारण उनके पिता को फौज से जुड़ा हुआ होना ही है। और एक बार फिर अमीषा ने इस बात का प्रमाण दे दिया है। अमीषा से प्रभावित होकर उत्तराखंड की बाकी बेटियां भी आगे आकर साहसिक खेलों में अपनी भागेदारी सुनिश्चित कर सकती हैं।