आजकल पिछले 2-3 महीने से मार्केट में एक नाम बहुत ही तेजी से फैला है जिसका नाम है बिटकॉइन। अगर आप इसके बारे में कुछ नहीं जानते तो चलिए हम आपको बताते हैं, जैसे बाकि करेंसी होती है रूपया, डॉलर, इत्यादि ठीक उसी तरह बिटकॉइन भी एक डिजिटल करेंसी है। ये बाकि करेंसी से बिलकुल अलग है क्यूंकि बिटकॉइन को ना ही हम देख सकते हैं ना ही उसे पैसों की तरह छू सकते हैं. बिटकॉइन को हम सिर्फ ऑनलाइन वॉलेट में स्टोर रख सकते हैं। और फाइनैंशियल ट्रांजैक्शन के लिए यह सबसे तेज और कुशल मानी जा रही है। तीन साल पहले वजूद में आई बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी करंसी बन गई है। इस समय एक बिटकॉइन को ऑनलाइन बाजार में तकरीबन 290 डॉलर में बेचा जा सकता है। भारत में भी बिटकॉइन बनाने और इसका इस्तेमाल करने वालों की बहुत बड़ी संख्या मौजूद है जिसमें लगातार इजाफा हो रहा है, और आम आदमी के साथ ही बड़े बड़े बिजनेसमैन में इस योजना से जुड़े हुए हैं।
आज इस मुद्दे को गंभीरता से उठाने का समय आ गया है। हम यहाँ आपको एक असली उदहारण देकर समझाते हैं कि आखिर कैसे ये वर्चुअल करेंसी से जुड़ी हुई कंपनियां लोगों की कमाई से खेल कर रहे हैं। मोहित थपलियाल और प्रवेश वर्मा (बदले हुए नाम) ने एक ऑनलाइन कंपनी www.koinex.in पर जाकर 30 नवम्बर को अपना अकाउंट बनाया। और दोनों ने जब रिप्पल( एक वर्चुअल करेंसी) पर उस समय अपना 20000 रूपया लगाया था तब एक रिप्पल की कीमत मात्र 20 रुपये थी, और आज यानी 30 दिसम्बर को एक महीने के अन्दर ही 1 रिप्पल की कीमत लगभग 220 रुपया हो गयी है तो मोहित थपलियाल और प्रवेश वर्मा आज लगभग 1 महीने में ही 11 गुना के प्रॉफिट में हैं। यानी तब जो उन्होंने 20000 रुपये लगाये थे वो आज 2, 20000(दो लाख 20 हजार) रुपये बन चुके हैं।
और अब भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने कहा है कि बिटक्वाइन जैसी वर्चुअल करेंसी एक तरह की फर्जी स्कीम है, जिसका हाल आने वाले समय में चिटफंड कंपनियों जैसा होगा। साथ ही इसमें निवेश को बेहद जोखिम भरा बताया है। सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इसमें निवेश होने वाले धन का इस्तेमाल गैर कानूनी कामों में भी किया जा सकता है। साथ ही वित्त मंत्रालय ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने देश में इसका व्यापार करने के लिए किसी को भी लाइसेंस नहीं दिया है। इस हिसाब से लोग इसमें अगर व्यापार कर रहे हैं तो वो गैरकानूनी है।
दरसल जो ये सारा खेल चल रहा है वो एक पोंजी स्कीम है। पोंजी स्कीम वो योजना है, जिसका संचालक निवेशकों से मोटी रकम जुटा लेता है। उन्हें इसके बदले में किसी तरह के मुनाफे के बजाय बाद में पैसा जमा करने वालों की रकम से रिटर्न देता रहता है। इटली में 1920 के आसपास सामूहिक निवेश योजनाएं चलाने वाले चार्ल्स पोंजी के नाम पर इन्हें पोंजी स्कीमें कहा जाने लगा।