बात है 13 दिसम्बर 2017 की जब भारत चीन सीमा को जोड़ने वाला उत्तरकाशी का गंगोरी पुल एक ओवरलोडेड ट्रक के भार को सह नहीं पाया था, और भरभराकर गिर पड़ा था। और उसी दिन से उत्तराखंड प्रशासन में हडकंप मचा हुआ था क्यूंकि ये इकलौता पुल था जो भारत को चीन सीमा से जोड़ता था तो आपात स्थिति में भारत को बड़ी दिक्कत हो सकती थी क्यूंकि आजकल वैसे भी भारत और चीन के सम्बन्ध काफी ख़राब चल रहे हैं। प्रशासन और उत्तरकाशी जिलाधिकारी की सक्रियता के बाद अगले दो दिनों में ही इक वैकल्पिक मार्ग नदी के ऊपर तैयार किया गया था पर वो मार्ग से यातायात में काफी परेशानी हो रही थी| और प्रशासन ने गंगोरी पुल को यथाशीग्र तैयार करने के लिए कह दिया था।
और अब लगभग पिछले 25 दिनों में मजदूरों, सीमा सड़क संगठन और उत्तरकाशी जिलाधिकारी की सक्रियता के बाद ये गंगोरी पुल बनकर पूरा तैयार हो गया है। और आज यानी सोमवार से इस पुल पर यातायात चालू कर दिया जायेगा| ऑफिसर कमांडेंट मेजर सरजीत मोहंती ने बताया कि पुल पर एक समय में एक ही वाहन जाए इसके लिए सूचना बोर्ड लगायी जाएगी। यह पुल राष्ट्रीय संपदा है इस लिए सभी की जिम्मेदारी है कि इस संपदा की सुरक्षा करें, वैसे इस पुल की भार क्षमता 18 टन है। इन 25 दिनों के अन्दर ही पहले प्रशासन ने वैकल्पिक पुल तैयार किया था और अब गंगोरी पुल को पुनः बनकर तैयार किया है, जिसमे जिलाधिकारी श्री आशीष कुमार चौहान साहब की काफी सक्रियता रही है। इस वक्त वैसे भी उत्तराखंड को ऐसे ही जुझारू, मेहनती और ईमानदार लोगों की जरुरत है जो किसी भी काम में इतनी सक्रियता दिखा सकें।