निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज मामले में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस समेत देश की अन्य सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी मशक्कत के बावजूद मरकज में आए 1200 जमातियों का अभी तक पता नहीं चल सका है। ये भारतीय हैं या विदेशों के रहने वाले हैं, इनकी जांच की जा रही है। फरार जमातियों का रिकार्ड खंगालने के लिए अपराध शाखा की टीम ने बृहस्पतिवार को शामली (उत्तर प्रदेश) जिले के कांधला स्थित मौलाना मोहम्मद साद के फार्म हाउस में छापेमारी भी की। अपराध शाखा के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मरकज में हुए जलसे में शामिल होने के लिए 11 से 13 मार्च तक करीब 4000 जमाती आए थे। तीन दिनों में मरकज में आए चार हजार जमाती की मरकज के रजिस्टर में एंट्री है।
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लेकिन 1200 जमातियों का अभी तक पता नहीं चल सका है। इन जमातियों का रिकार्ड खंगालने के लिए एक टीम मौलाना साद के फार्म हाउस में गई थी। इसके अलावा मौलाना साद व मरकज के नाम से यूपी में भी बैंक खाते हैं, जिनकी जानकारी भी खंगाली गई। पुलिस टीम ने मौलाना साद के फार्म हाउस से कुछ लैपटॉप, पैन ड्राइव व अन्य जरूरी कागजात बरामद किए हैं। लैपटॉप व पैन ड्राइव को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। पुलिस को बैंक खातों से संबंधित कागजात भी मिले हैं। अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों के अनुसार, साद का अभी तक कोरोना टेस्ट नहीं हुआ है। पुलिस ने टेस्ट कराने के लिए कहा है।
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