भारत में कोरोना पीड़ितों की संख्या 10 हजार के आंकड़े की ओर तेजी से बढ़ रही है। हरियाणा राज्य के नौल्था गांव निवासी मंजू कोरोना संक्रमण को मात तो दे चुकी हैं पर अपने गांव के लोगों और पड़ोसियों से हार रही है। दरअसल, जबसे वह कोरोना संक्रमित हुई तब से ही गांव वाले दूर हो गए। जब कोरोना जैसी महामारी से ठीक होकर भी लौटी तो पड़ोसी पास तो दूर की बात, बात करने को भी तैयार नहीं हैं। यह मामला तब सामने आया जब मुख्यमंत्री मनोहरलाल फेसबुक पर लाइव थे और कोरोना से जंग जीते सभी मरीजों से बात कर रहे थे। तभी महिला ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल को अपनी दास्ता सुनाते हुए कहा कि अब उसे अपने ही गांव से निकालने की तैयारी की जा रही है। यह बात सुनते ही सीएम बोले- सभी को इस समय आपके साथ होना चाहिए। यह अपील भी हम कर रहे हैं। और प्रशासन से बात कर मदद कराएंगे।
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यह है पूरा मामला
दरअसल कोरोना संक्रमित महिला नौल्था गांव की एक राइस मिल में नौकरी करती थी। उस मिल का मालिक इंग्लैंड से लौटा। तो वह कोरोना वायरस की चपेट में आ गया। जब मिल मालिक मिल में पहुंचा तो वहां उसके संपर्क मै आने से मंजू भी संक्रमित हो गयी थी। उसके बाद जब मंजू अपने मायके रोहतक गई तो वहां पर उसकी तबीयत खराब हुई उसे पीजीआइ मै भर्ती कराया गया। तो वह कोरोना संक्रमित पायी गयी। पीजीआइ मै इलाज के बाद कुछ दिनों मै वह ठीक हो गई और अपने गांव नौल्था लौट आई। जिस दिन से मंजू घर वापस आयी हैं तब से उसके कुछ पड़ोसियों और ग्रामीणों का उसके प्रति रुख बदल गया। जिन महिलाओ के साथ वह बोलती थी, वे भी उसके पास जाने से कतरा रही है।
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वही इस घटना को सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि वह डीसी से बात कर उसकी सुनवाई करेंगे। डीसी हेमा शर्मा ने बताया कि प्रशासन भी महिला के साथ खड़ा है। प्रशासनिक टीम को उनके गांव भेजेंगे और गांव वालों को भी समझाएंगे।