जब भी आप देहरादून से गढ़वाल की तरफ जाते होंगे, या फिर हरिद्वार से भी कभी गढ़वाल की तरफ जाना होता होगा या फिर गढ़वाल से देहरादून-हरिद्वार की तरफ आना होता होगा तो इस हाईवे पर आपको सामने की तरफ कुछ ऊँचे ऊँचे पिलर नुमा चीज जरुर दिखती होगी। अगर इनपे हल्की सी नजर पड़े तो एक बार में ये समझ नहीं आता है कि आखिर ये चीज है क्या। पर अगर आप थोड़ी देर गौर से देखेंगे तो प्रतीत होता है कि शायद भारत की आजादी से पहले यहाँ पर कुछ अंग्रेज कुछ निर्माण कार्य कर रहे थे जो कि महात्मा गांधी जी की डंडे के दम पर भारत से भाग कर चले गये और जो ये निर्माण कार्य होना था अंग्रेजों के भारत छोड़ने के कारण शायद न हो पाया हो।
चलिये हम आपको आपकी परेशानी दूर करते हुये बता देते हैं लगभग 12-15 साल हो गए होंगे इस बात को, देहरादून से हरिद्वार तक के लिए फ्लाईओवर का टेंडर पास हो गया और कुछ वक़्त तक इसपे काम भी शुरु हो गया था। काफी सारी जगहों पे फ्लाईओवर के लिए पिलरों का निर्माण भी हो गया था। पर पता नहीं अचानक से ऐसा क्या हो गया की ये निर्माण कार्य बंद हो गए| और लगभग पिछले 10 सालों से ये पिलर उत्तराखंड के विकास का मुहं चिड़ा रहे है। इस बात से तो यही प्रतीत होता है कि भले विकास को गुजरात में पागल बता कर कांग्रेस पार्टी को मुहं की खानी पड़ी हो पर शायद उत्तराखंड में विकास पागल हो गया है। अगर ऐसा नहीं है तो इतने साल बीत जाने के बाद भी ये पिलर लगभग अपनी उम्र भी पूरी करने के करीब हैं और आज तक इस फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरु भी नहीं हो पाया है|
और अब जबकि लोकसभा चुनाव में लगभग डेड साल का टाइम बचा है, और 2014 में जिस विकास के नाम पर वोट मांग कर मोदी जी प्रधानमंत्री बने थे उसी विकास के नाम पर कहीं 2019 में बीजेपी को मुहं की न खानी पड़े। तो राज्य की त्रिवेंद सरकार को चाहिए कि अगर उन्हें फिर से उत्तराखंड की सभी सीटों को जीतकर केंद्र में दुबारा मोदी सरकार बनानी है तो इस एक महत्वपूर्ण विकास के मुद्दे पर उन्हें जल्द काम शुरु कर देना चाहिये।