उत्तराखंड के चमोली जिले में बीते रविवार को आई प्राकृतिक आपदा में घायल हुए विक्रम सिंह चौहान ने 30 मिनट तक जल प्रलय से तबाही का मंजर देखा है। विक्रम मानते हैं कि मां भगवती के आशीर्वाद से ही वह आज जीवित हैं। तबाही में गंभीर रूप से घायल हुए विक्रम इन दिनों दून अस्पताल में भर्ती हैं।मूल रूप से लामबगड़ निवासी विक्रम ने कहा कि शरीर में आए जख्म तो समय के साथ भर जाएंगे, लेकिन आंखों के सामने देखा मंजर वह शायद ही कभी भूल पाएं।विक्रम ने बताया कि वह जहां पर खड़े थे वहां अचानक करीब 20 मीटर ऊपर पानी आ गया। पानी की तीव्रता अधिक होने से वह जल प्रलय की चपेट में आ गए। आगे पढ़ें:
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करीब 15 मिनट तक पानी में रहे विक्रम बताते हैं कि बर्फीले पानी से उनके शरीर का हर अंग सुन हो गया था। पानी के साथ आने वाला मलबा, पत्थर, बोल्डर आदि उनके शरीर को चोट पहुंचा रहे थे। उनके साथियों की बात करने पर उनकी आंखों में आंसू आ गए। बताया कि जहां वह मौजूद थे। वहां से ग्लेशियर की दूरी करीब ढाई किलोमीटर दूर है। बता दें कि ऋषिगंगा में आई जल प्रलय के तीसरे दिन तपोवन जल विद्युत परियोजना की सुरंग में रेस्क्यू अभियान चला रहे आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान शाम ढलने तक अंदर फंसे 35 मजदूरों तक नहीं पहुंच सके। अब जिंदगी की तलाश में नौसेना के मैरीन कमांडो को लगाया गया है।