Home उत्तराखंड धामी या फिर कोई और… चर्चाओं का बाजार गर्म… रेस में ये...

धामी या फिर कोई और… चर्चाओं का बाजार गर्म… रेस में ये दिग्गज… त्रिवेंद्र ने कह दी ये बड़ी बात

उत्तराखंड में मोदी-शाह और नड्डा की तिकड़ी मुख्यमंत्री के चुनाव के मामले में किसी भी चेहरे पर दांव लगाकर सबको चौंका सकती है। यह जानते हुए भाजपा में सीएम की कुर्सी के लिए खींचतान शुरू हो गई है। बेशक सीएम पद के लिए कोई खुलकर सामने नहीं आ रहा है, लेकिन अरमान तकरीबन हर कद्दावर नेता के जोर मार रहे हैं। नतीजा यह है कि सियासी हलकों में यह चर्चा जोरों पर है कि भाजपा पुष्कर सिंह धामी को ही सत्ता की कमान सौंप सकती है। पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव हारने के मिथक को नहीं तोड़ पाए। हालांकि उनके चेहरे पर लड़े गए इस चुनाव में भाजपा दो तिहाई बहुमत हासिल करने में कामयाब रही। यही तर्क धामी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना के पक्ष में गढ़ा जा रहा है।

पुष्कर धामी को सीएम बनाए जाने के पक्ष में यह तर्क भी दिया जा रहा है कि चुनाव के दौरान उनके पास इतना समय नहीं था कि वह अपनी विधानसभा सीट पर समय देते। उन्होंने पूरे प्रदेश में चुनाव प्रचार किया। उनकी विधानसभा सीट पर प्रचार की कमान उनकी पत्नी के हाथों में रही। हालांकि आखिरी समय में उन्होंने ताकत झोंकी लेकिन चुनाव नहीं जीत पाए। अगर धामी से इतर मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर विधायकों में से ही किसी को चुनने की बात होगी तो फिर सतपाल महाराज और धन सिंह के नामों की चर्चा है। दोनों नाम पूर्व में भी चर्चा में रहे हैं। लेकिन यहाँ भी धन सिंह का पलड़ा भारी दिखता है क्यूंकि वो संघ में भी मजबूत पकड़ रखते हैं और बीजेपी को बहुमत से भी काफी ज्यादा सीटें मिली हुई हैं। सतपाल महाराज का पलड़ा तब भारी माना जा रहा था जब बहुमत से कुछ ही सीटें कम या ज्यादा होती।

चर्चाओं में ब्राह्मण चेहरे वरिष्ठ विधायकों में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर मदन कौशिक, गणेश जोशी और सुबोध उनियाल, विनोद चमोली के नामों की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कुमाऊं से बंशीधर भगत और अरविंद पांडेय के नाम भी चर्चाओं में है। विधायकों से जुदा यदि पार्टी बाहर से मुख्यमंत्री के चेहरा तलाशती है तो उसके लिए तीन प्रमुख नामों की चर्चा शुरू हो गई है। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट के नाम लिए जा रहे हैं। वहीँ दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि विधायकों में से किसी एक को सीएम बनाया जाना चाहिए। मैंने चुनाव नहीं लड़ा तो मुख्यमंत्री पद की बात करना भी गलत है। बाकी जिसे भी मौका मिलेगा, हम उनके साथ पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता का आभार प्रकट करता हूं कि उन्होंने दोबारा भाजपा को मौका दिया है।


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here