बरसात का मौसम शुरु होते ही उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों मे जगह-जगह भूस्खलन से रास्ते बंद हो रहे हैं। इसके चलते बुधवार की सुबह घर से निकली बरात करीब 10 किमी दूर पहुंची ही थी की पहाड़ी से मलवा आने के कारण मार्ग बंद हो गया। इसके बाद दूल्हे और बरातियों को रास्ते से मलबा साफ करना पड़ गया। करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मलवा हटा कर रास्ता खुल पाया। वही रास्ता बंद होने कई कारण बराती दुल्हन को लेकर रात करीब एक बजे घर लौटे।
विकासखंड कीर्तिनगर के लोस्तु बडियारगढ़ के रिंगोली मल्ली गांव में दिग्विजय सिंह कंडारी की बरात बुधवार की सुबह दुल्हन को लेने चमोली जिले के पोखरी गांव में जाना था। इस दौरान दूल्हा बारातियों सहित अपने घर से करीब 10 किमी दूर धुरेट गांव के पास पंहुचा तो मार्ग पर बोल्डर आने से मार्ग अवरुद्ध हो गया। मार्ग पर गिरा मलबा देख स्वयं दूल्हे ने गाडी से उतर कर मोर्चा संभाला और साथ मे आये बरातियो के साथ मिलकर मार्ग पर गिरे मलबे को हटाने का काम शुरू किया, करीब डेढ़ घंटे तक कड़ी मेहनत के बाद रास्ते का मलवा हटा कर बरात अपने गंतब्य को निकली। जिससे बरात दुल्हन के घर दोपहर दो बजे बाद पहुंची।
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वही क्षेत्र के लोग जान जोखिम में डालकर सफर करने पर मजबूर है। कई बार लोक निर्माण विभाग को इस समस्या के समाधान के लिए कहा गया, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है।
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