आपने कई बार सुना होगा की शादी करने के लिए प्रेमी प्रेमिका सारी हदें पार कर देते है। ऐसे में हमें आये दिन नई और अनोखी शादियाँ देखने को मिलती रहती है। ऐसे ही छतरपुर जिले के कुम्हार टोला गांव में एक शादी चर्चा का विषय बन गई। इस शादी में खास बात यह थी दुल्हा-दुल्हन की गोद में उनका 7 महीने का बेटा भी था। दोनों ने शादी की रस्में अपने बेटे को गोद में लेकर पूरी की।
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नौगांव में कुम्हार टोली के पप्पू अहिरवार और मालती अहिरवार को 2 बेटियां थीं। पप्पू ने अपने भाई के बेटे करन को 24 साल पहले गोद ले लिया था। पप्पू का बेटा करन अहिरवार दिल्ली में रहता था। यहां गांव में करन को 6 साल पहले अपने घर के सामने रहने वाली नेहा कश्यप से प्यार हो गया। दोनों अलग-अलग जाति के होने की वजह से लड़की के परिजन राजी नहीं हुए। इसके बाद दोनों घर से भाग कर दिल्ली पहुंचे। वहां आर्य समाज मंदिर से अंतरजातीय विवाह कर लिया। उसके बाद उनको बेटा हुआ।
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करन की मां मालती और पिता पप्पू अहिरवार ने बेटे-बहू की शादी और पोते शिवांश का चौक दस्टौन मनाने का कार्यक्रम तय किया। बाकायदा शादी के कार्ड छपवाए गए और समाज, व्यवहारी, रिश्तेदारों को बुलाया गया। दीवार पर करन संग नेहा भी लिखा गया। पूरे नगर के परिचितों को भोज दिया। करन की बहनों ने भी अपने भतीजे के चौक और भाई-भाभी की शादी में पूरे गांव में झूला-चंगेली निकाली। लेकिन, ये शादी इसलिए कुछ अलग रही। क्योंकि पिता करन और मां नेहा की शादी उनके 7 महीने बेटे शिवांश की मौजूदगी में हुई।