भारत में लम्बे समय से लॉकडाउन चल रहा है क्यूंकि फिलहाल कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही सबसे कारागर उपाय है और ये लॉकडाउन के कारण ही कुछ हद तक संभव हो पाया है। लेकिन लॉकडाउन के कारण सबसे बड़ी समस्या जो सामने आयी वह ये थी कि इस दौरान जो जहाँ था वो वहीँ रह गया और अपने घरों, शहरों या देशों में नहीं जा पाया। भारत में हर साल लाखों विदेशी भ्रमण के लिए आते हैं और उत्तराखंड उनमें उनकी पसंदीदा जगह में से एक होती है। उत्तराखंड में इसके कारण सबसे ज्यादा सैलानी ऋषिकेश में आते हैं। पर लॉकडाउन के कारण सैकड़ों विदेशी उत्तराखंड में ही फंस गए।
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लॉकडाउन के कारण डॉक्टर, पुलिसकर्मी और सफाईकर्मियों पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी आ गयी थी और ये सभी अपने कामों से पूरे भारत के लोगों का दिल जीत रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस ने जनमानस की सेवा के द्वारा प्रदेशवासियों का दिल तो जीता ही है लेकिन विदेशियों का भी दिल जीत लिया है। उत्तराखंड में देहरादून जिले में आधा दर्जन देशों के दूतावासों ने अपने फंसे लोगों की मदद और उन्हें सुरक्षित भेजने पर उत्तराखंड पुलिस की खुले दिल से तारीफ की है। इन देशों ने डीआईजी अरुण मोहन जोशी और नोडल अधिकारी एसपी क्राइम लोकजीत सिंह को संवेदनशील अफसर बताया है।
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लॉकडाउन के दौरान जिले में करीब 24 देशों के 125 लोग फंसे थे। ऐसे में सुरक्षा के साथ उनकी जरूरतों को पूरा करने की बड़ी चुनौती सामने थी। संबंधित देशों के दूतावास से समन्वय स्थापित कर कंट्रोल रूम के प्रभारी एसपी क्राइम लोकजीत सिंह ने ऋषिकेश और टिहरी पुलिस की मदद से एक-एक विदेशी की जरूरतों को इस दौरान पूरा किया। उत्तराखंड पुलिस ने इन विदेशी नागरिकों की विशेष विमान से रवानगी में भी अहम भूमिका निभाई। इनमें सबसे ज्यादा 58 लोग जर्मनी के थे इसके अलावा फ्रांस के 20, कनाडा के 8, ब्राजील के 12, यूएसए के 15, साउथ कोरिया 5, इजरायल के 6 और अन्य भी कई देशों के लोग शामिल थे। अब इजरायल, जर्मन, ब्राजील, कनाडा समेत कई देशों के दूतावास ने उत्तराखंड पुलिस के काम को सराहा है।
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