Home उत्तराखंड कोरोना के चलते बढ़ी सरकार की मुश्किलें, प्रदेश में वेंटिलेटर की कमी

कोरोना के चलते बढ़ी सरकार की मुश्किलें, प्रदेश में वेंटिलेटर की कमी

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अगर प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल गया तो प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के पास पर्याप्त वेंटिलेटर नही हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रदेश की सवा करोड़ की आबादी के लिये सरकारी अस्पतालों में 165 और प्राइवेट अस्पतालों में 143 यानी कुल मिलाकर 308 वेंटिलेटर की व्यवस्था है। अगर यह संक्रमण दूसरी ओर तीसरी स्टेज में फैल गया तो इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जायेगा। प्रदेश में पहले ही विशेषज्ञ डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है। इसी तरह से प्रदेशभर में सिर्फ एक हजार आईसोलेशन और 1500 क्वारंटीन बेड की ही व्यवस्था है।

ऐसे में यह देखना पड़ेगा कि सरकार हेल्थ सिस्टम को दुरस्त करने के लिए क्या क़दम उठाती है। वैसे सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये सरकार  समय समय पर लोगों को जागरूक करने के लिए सरकारी एडवाइजरी जारी कर रही है। सरकार लोगों को सोसिअल डिस्टेनसिंग के लिए कह रही है। महामारी से बचने के लिए लोगों को घरों से बाहर न निकलने और सामाजिक दूरी बनाने की सलाह दी जा रही है।

कोरोना वायरस की महामारी के चलते चीन और अन्य देशों से मेडिकल उपकरणों का आयात नही हो पा रहा है। जिस कारण पूरे देश में वेंटिलेटर की कमी है। ऐसे में प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी प्रदेश और देश की बड़ी कंपनियों से वेंटिलेटर का निर्माण करने की अपील की है।

प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव अरूणेंद्र सिंह चौहान ने बताया है कि, “कोरोना वायरस से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था की जा रही है। 100 नए वेंटिलेटर खरीदे जा रहे है, 60 का आर्डर दे दिया है। जबकि 40 की प्रक्रिया चल रही है। कोरोना वायरस की रोकधाम के लिए जिन भी मेडिकल उपकरणों की जरूरत पड़ेगी, उनकी व्यवस्था की जा रही है।”

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