बात है दो दिन पहले सोमवार शाम की जब पाकिस्तान की तरफ से भारतीय सीमा में जबरदस्त गोलाबारी की गयी, इस गोलाबारी का मकसद था आतंकियों की भारतीय सीमा में घुसपैठ कराना। मगर दूसरी तरफ से भारतीय सेना बहुत ही चुस्त और दुरुस्त इस दौरान सेना ने चार आतंकियों को मौके पर ही ढेर कर दिया, पर इस मुठभेड़ में भारतीय सेना ने अपने 4 जाबाजं गँवा दिए इसमें से दो अकेले उत्तराखंड से हैं जिनमे एक हैं ऋषिकेश के गुमानीवाला निवासी 27 वर्षीय राइफलमेन हमीर सिंह पोखरियाल और दूसरे हैं पौड़ी जिले के शिवपुर गाँव के रहने वाले 28 वर्षीय मनदीप सिंह।
27 वर्षीय शहीद हमीर सिंह पोखरियाल मूल रूप से उत्तरकाशी जिले के तहसील डुंडा के अंतर्गत आने वाले पोखरियाल गाँव के रहने वाले हैं और पिछले चार सालों से उनका परिवार ऋषिकेश के गुमानीवाला में रह रहा है। मंगलवार की सुबह जब सेना के अधिकारी ने हमीर सिंह पोखरियाल के शहीद होने की जानकारी देने के लिए शहीद के घर पर फ़ोन किया तो फोन उनकी पत्नी पूजा देवी ने उठाया, तो सेना के मेजर ने उनसे पूछा कि उनके ससुर कहाँ हैं तो उन्होंने बताया कि वो अमरनाथ यात्रा में ड्यूटी पर तैनात हैं, फिर मेजर ने पूछा कि आपकी सास कहाँ हैं तो पूजा देवी ने बताया कि वो सत्संग में गयी हुई हैं आप जो भी बात है वो मुझे बताइये, पर मेजर ने उन्हें बात बताने से इनकार कर दिया। उसके बाद पूजा देवी ने फ़ोन अपने देवर सुनील पोखरियाल को दिया फिर जाकर मेजर ने हमीर सिंह के शहीद होने की सूचना सुनील को दी।
खबर सुनकर ही सुनील पोखरियाल का फोन नीचे गिर गया, उसके बाद उसका रो-रोकर बुरा हाल हो गया, फिर ये पूरी सूचना शहीद की पत्नी और बाकी के घरवालों को पता चली, पूरे घर में मातम पसर गया| शहीद हमीर सिंह पिछले साल दिसम्बर में घर आ रखे थे उसके बाद से वो अपनी बटालियन के साथ जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फ़बारी वाले इलाके में तैनात थे, शहीद के पिता भी सब-इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं सूचना मिलने के बाद वो अमरनाथ से घर के लिए रवाना हो गये हैं। घर के लोगों के अनुसार इस समय शहीद हमीर सिंह की पत्नी पूजा देवी गर्भवती हैं, पर उन्हें क्या पता था मासूम के इस दुनियां में आने से पहले ही उसके सर से पिता का साया उठ चुका होगा। शहीद की माँ का रो-रोकर बुरा हाल है वो बार बार बेहोश हो जा रही हैं, शहीद की ढाई साल की बेटी अनवी इन सब बातों से अनजान है उसे समझ नहीं आ रहा कि सब लोग रो क्यों रहे हैं और वो अपनी बेहोश हुई दादी को बार-बार उठा रही है। जो भी आस पड़ोस के लोग और परिजन घर का माहौल देख रहा है उसकी आंखें खुद ही नाम हो जा रही हैं।