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जम्मू-कश्मीर ग्रेनेड हमले में उत्तराखंड के युवक की मौत, खबर सुनते ही घर में मची चीख-पुकार

जम्मू-कश्मीर बस स्टैंड पर गुरुवार यानी 7 मार्च को हुए ग्रेनेड हमले में उत्तराखंड के एक युवक की मौत हो गई है।  मरने वाले युवक का नाम शारिक है, जम्मू बस स्टैंड पर हुए इस ब्लास्ट में शारिक के साथ उसके मामा साजिद, कलियर के तेलीवाला निवासी गुलफाम समेत उनके साथ जम्मू गए सहारनपुर के गागलहेड़ी निवासी दोनों युवक भी बुरी तरह से घायल हो गए हैं। जम्मू में हुए इस दर्दनाक हमले में 32 और लोग भी घायल हुए हैं। जम्मू बस अड्डे पर ग्रेनेड धमाके में जान गंवाने वाले 17 साल के शारिक को उसकी मौत ही इस तरह से जम्मू खींच ले गई। पिता की मौत के बाद परिवार चलाने के लिए करीब दो साल पूर्व शारिक अपने मामा के पास जम्मू में सिलाई सीखने गया था।

नौजवान मो. शारिक(17) उत्तराखंड में रुड़की के टोटा कल्याणपुर का रहने वाला था। हादसे की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। इस वक्त परिवार में मां मेहराज, बड़े भाई आरिफ और साथ ही पांच बहन भी हैं। शारिक की मां मेहराज ने उसे रवाना करते हुए कहा था कि जम्मू पहुंचने पर फोन कर बता देना। एक तरफ मां शारिक के फोन का इंतजार कर रही थीं। पर उन्हें जरा भी इल्म नहीं था कि जिस कॉल को वह शारिक के सकुशल पहुंचने की सोच रहे थे, वह शारिक की मौत की खबर लेकर आयेगी।

गाँव के लोगों ने बताया कि शारिक का परिवार बेहद ही गरीब है। पिता की मौत के बाद परिवार को चलाने के लिए शारिक और उसके भाई आरिफ के लिए बड़ी चुनौती थी, लेकिन दोनों भाइयों ने इस चुनौती का बहादुरी से सामना किया और परिवार को चलाने के लिए दिनरात मेहनत करने पर जुटे हुए थे। दोनों की ये मेहनत भी रंग ला रही थी और अब परिवार खुशहाली की तरफ बढ़ने लगा था, लेकिन इस बीच शारिक की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। शारिक की मौत ने उसकी मां मेहराज को बुरी तरह तोड़ दिया है। उनका रो-रोकर बुरा हाल है तो वह उस घड़ी को भी कोस रही हैं, जिस घड़ी में बेटे को जम्मू के लिए रवाना किया था। शारिक की मां मेहराज रोते-बिलखते बस यही कर रही हैं कि देश में गरीबों के बच्चे ही मारे जा रहे हैं।


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