उत्तराखंड की प्रतिभायें अपने हुनर के दम पर पूरी दुनियां में देश और प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं बॉलीवुड से लेकर खेल जगत तक हर तरफ प्रदेश की प्रतिभायें अपना लोहा मनवा रही हैं। इसी कड़ी में उत्तराखंड के एक और होनहार नन्हे चैंपियन ने शतरंज में अपने दिमाग का लोहा पूरी दुनियां को मनवा दिया है। उत्तराखंड के पहाड़ी जिले बागेश्वर के रहने वाले आठ साल के सद्भव रौतेला भारत के पहले जूनियर ग्रैंड मास्टर हैं और वो चमोली गैरसैण के नौगांव कलोनी के परिमार्जन नेगी की राह पर चल पड़े हैं।
फिडे (FIDE) की ओर से जारी ताजा सूची में 1800 रेटिंग अंक हासिल कर सद्भव एशिया के नंबर वन खिलाड़ी बन गए हैं पहाड़ के बेटे की इस उपलब्धि से उत्तराखंड के साथ-साथ ही पूरे देश के लोगों में भी ख़ुशी की लहर है। ताजा रेटिंग जारी जारी होने के बाद सद्भव रौतेला ने अंडर-9 आयु वर्ग में उजबेकिस्तान के खुमोयुन बागमुरातोव को पीछे छोड़कर पहला स्थान हासिल कर लिया है। बात करैं पिछले साल की तो 28 नवंबर से 6 दिसंबर तक दिल्ली में खेली गई नेशनल जूनियर चेरा प्रतियोगिता में आठ साल के सद्भव रौतेला ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए 54 ईएलओ प्वाइंट हासिल किए थे।
सद्भव ने वर्ष 2016 से नेशनल जूनियर चेरा चैंपियन कुमार गौरव और 18वीं नॉर्थ ईस्ट चैंपियन राहुल गुरुंग को ड्रा पर रोकने के साथ ही उन्होंने 1800 ईएलओ रेटिंग प्वाइंट को छू लिया था। इसके बाद से वो अब एशिया में पहले स्थान पर आ गए हैं। सद्भव के बड़े भाई समक्ष रौतेला ने भी शतरंज के इंटरनेशनल खिलाड़ी हैं और इनके वर्तमान में 2123 रेटिंग अंक है। हाल ही में मुंबई में हुए आईआईएफएल टूर्नामेंट में सक्षम ने जीएम (ग्रैंड मास्टर) कैटेगरी में खेलते हुए दो जीएम को हराया और एक आईएम के साथ ड्रा खेला था।