इस वक्त भारत और चीन के बीच तनाव अपने चरम स्थल पर चल रहा है और इन सबके बीच एक बड़ी खुशखबरी भारतीय वायुसेना को मिल रही है क्यूंकि टकराव की इस स्थिति में भारतीय वायुसेना की ताकत में बड़ा इजाफा होने जा रहा है। फ्रांस से मिलने वाले 36 राफेल लड़ाकू विमानों की पहले खेप अब 27 जुलाई को ही भारत पहुंच रही है. पहली खेप में भारतीय वायुसेना को कम से कम छह (06) फाइटर जेट मिल तय हैं। हालांकि, वायुसेना की तरफ से अभी तक राफेल के जंगी बेड़े में शामिल होने वाली औपचारिक समारोह (‘सेरेमेनी’) की तारीख की घोषणा नहीं की गई है।
भारत ने सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों की डील की थी। यह डील तकरीबन 59 हजार करोड़ रुपये की थी। इन विमानों के जरिए भारत की वायुसेना को एक बड़ी ताकत मिलेगी। खबर के अनुसार एक अधिकारी ने कहा कि ‘हम जानते हैं कि लगभग 10 राफेल लड़ाकू विमान डसॉल्ट एविएशन द्वारा तैयार हैं। संयुक्त अरब अमीरात में अबू धाबी के पास अल ढफरा हवाई अड्डे पर एक स्टॉपओवर के साथ जुलाई-अंत में भारत में छह राफेल लड़ाकू विमानों के लाने की तैयारी चल रही है। इन विमानों को भारतीय पायलट उड़ाकर लाएंगे।’
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यह खबर इस मायने में बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच जबरदस्त तनाव चल रहा है। दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे के सामने हैं और भारत ने साफ कर दिया है कि वह चीन की सीनाजोरी कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। इस स्थिति में अगर राफेल विमान भारत को मिलते हैं तो इससे वायुसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा। इससे पहले, जून की शुरुआत में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पारले से टेलीफोन पर वार्ता की थी। इस दौरान फ्रांस की रक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया था कि कोरोना वायरस महामारी के बावजूद राफेल विमान तय समय के अनुसार भारत पहुंचाए जाएंगे। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी थी।