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स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में इस बार उत्तराखंड से गौचर और अगस्त्यमुनि बढ़ाएंगे प्रदेश का सम्मान

जबसे भारत में प्रधानमंत्री का पद नरेंद्र मोदी ने संभाला है तभी से लेकर ही पूरे देश में सफाई को लेकर एक नयी अलख जगी है और इसका सबसे ज्यादा श्रेय किसी को जाता है तो वो है खुद प्रधानमंत्री मोदी। स्वच्छ भारत उनका सबसे बड़ा ड्रीम प्रोजेक्ट है इसको अधिक से अधिक सफल बनाने के लिए देश भर में अनेक योजनायें भी बनायी गयी हैं। इस बार भी 4 जनवरी से पूरे देश में स्वच्छ सर्वेक्षण शुरू हुआ किया गया था और यह सर्वेक्षण 31 जनवरी 2019 तक पूरा हो गया। इस बार निकायों की आबादी के हिसाब से पिछली बार की तुलना में कहीं ज्यादा श्रेणियां बनाई गई थीं। एक लाख से ज्यादा आबादी और उससे कम आबादी वाले निकायों को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया था।

करीब छह श्रेणियों में कई बिंदुओं पर निकायों की सफाई की कसरत का आकलन किया गया। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से दी गई प्रारंभिक सूचना में बताया गया है कि चमोली जिले का गौचर और रुद्रप्रयाग जिले का अगस्त्यमुनि नगर निकायों का प्रदर्शन इस बार बहुत ही  शानदार रहा है। हालांकि स्वच्छ सर्वे के नतीजे मार्च के पहले सप्ताह में आने की उम्मीद है पर गौचर और अगस्त्यमुनि को छोटे निकायों की श्रेणी में स्थान मिलना तय हो गया है। इस सूचना ने उत्तराखंड को उत्साहित करने का काम किया है। वैसे अभी तक इनकी रैंकिंग का खुलासा नहीं किया गया है, गौचर में सफाई की स्थिति का केंद्रीय टीम वीडियो शूट करके भी ले गई है। पिछली बार भी गौचर नगर निकाय का सर्वेक्षण में अच्छा प्रदर्शन रहा था। इस नगर निकाय ने छोटे शहरों की श्रेणी में 1008 शहरों में 31वां स्थान प्राप्त किया था।

इस बार केंद्रीय टीम ने अपने सर्वे के तौर तरीकों में एक अंतर रखा था। पिछली बार जहां केंद्रीय टीम सूचना देकर निरीक्षण के लिए आई थी, इस बार उसने औचक निरीक्षण करके स्वच्छता की स्थिति का आकलन किया है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में उत्तराखंड का कोई भी बड़ा शहर टॉप 100 में नहीं आ पाया था। एक लाख से ज्यादा की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में सबसे बेहतर प्रदर्शन रुड़की नगर निगम का रहा था, जिसने देश के 485 शहरों में 158वां स्थान हासिल किया था।


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