साल 2019 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे। शहीद जवानों में उत्तराखंड के मोहन लाल रतूड़ी भी शामिल थे। बतादें कि मूलरूप से उत्तरकाशी के बनकोट, चिन्यालीसौंड़ के थे। वर्तमान में उनका परिवार देहरादून में रहता है।बताया जा रहा है कि उनके बड़े बेटे शंकर को राज्य सरकार की तरफ से नौकरी मिल गई है जो की उत्तरकाशी कलेक्ट्रेट में लिपिकीय संवर्ग में तैनात हैं। बेटी गंगा बीएससी करने के साथ ही मेडिकल की कोचिंग ले रही हैं। शहीद की एक बेटी वैष्णवी डीएवी पीजी कॉलेज से बीएड कर रही हैं। उसे सरकारी सीट मिली है जो की अब सिविल सेवा की भी तैयारी कर रही हैं। आगे पढ़ें:
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उनका छोटा भाई श्रीराम केंद्रीय विद्यालय आइटीबीपी में कक्षा 11वीं में पढ़ रहा है जो की आगे चलकर पैरामिलिट्री फोर्स में जाना चाहता है। शहीद की एक बेटी की शादी हो चुकी है।सीआरपीएफ ने शहीद के परिवार की आर्थिक रूप से भी मदद की। शहीद की पत्नी का कहना है कि सरकार व समाज ने उन्हेंं पूरा सम्मान व सहयोग दिया है। आज उनका परिवार उनकी यादों के सहारे आगे बढ़ रहा है। आज भी पति को याद कर उनकी पत्नी की आंखों में आंसू छलक उठते हैं। आज भी पिता को याद कर बेटियां रो पड़ती हैं। उन्हें गर्व है कि उनके पिता देश के लिए शहीद हुए। पिता के जाने के गम को भुलाकर परिवार गर्व के साथ आगे बढ़ रहा है।