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चमोली आपदा: पत्नी के प्रसव के लिए घर आने वाला था हरपाल, अब आ गई मौत की खबर

उत्तराखंड के चमोली जिले में बीती 7 फरवरी को ग्लेशियर टूटने से आई आपदा के बाद से हर तरफ दुःख और चिंता का माहौल बना हुआ है। अब तक इस आपदा में 50 लोगों के शव मिल चुके हैं जबकि 150 से अधिक लोग अब भी लापता हैं। इसी कड़ी में चमोली जिले के नारायणबगड़ ब्लाक के रतनी गांव निवासी हरपाल सिंह (33 पुत्र बलवंत सिंह) लापता हो गए थे। वे ऋषि गंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट में काम करते थे। रविवार को रेस्क्यू के दौरान उनका शव मिलने पर पूरे गांव में मातम छा गया है।

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रतनी गांव की ग्राम प्रधान पुष्पा देवी ने बताया कि पत्नी की देखभाल के लिए हरपाल को घर आना था, लेकिन तभी वहां आपदा आ गई और उनकी खुशियां छिन गईं। आपदा में हरपाल सिंह के लापता होने के बाद से उनका परिवार सदमे में था। रविवार को उसका शव मिलने पर बुजुर्ग माता-पिता और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीण एवं परिजन उन्हें सांत्वना दे रहे हैं। हरपाल सिंह की पहले से एक संतान है और उनकी पत्नी की अब दूसरी संतान होने वाली है। इस गांव के लोग आपदा के दिन से ही तपोवन में लापता हुए हरपाल सिंह की खोज में लगे थे। ग्राम प्रधान पुष्पा देवी ने बताया कि हरपाल सिंह मिलनसार व हंसमुख स्वभाव का युवक था।

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जब भी गांव आता था तो सभी लोगों से मिलता था। हरपाल की मृत्यु की खबर से गांव के लोग सदमे में  हैं। वहीं, आपदा में लापता चल रहे नरेंद्रनगर ब्लॉक के लोयल गांव निवासी आलम सिंह पुंडीर का शव आठ दिन बाद सुरंग में मिला। आलम सिंह पर चार बेटियों व बूढ़ी मां और पत्नी की जिम्मेदारी थी। परिजन आजतक उनके जिंदा होने की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन शव मिलने के साथ ही उनकी आखिरी आस भी टूट गई। उनके शव को चमोली से गांव लाया जा रहा है।

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