इन दिनों पूरे भारत में #MeToo अभियान छाया हुआ है, जिसमें अबतक बड़े से बड़े अभिनेता और नेता भी इसकी गिरफ्त में आ चुके हैं, अब देवभूमि उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं रहा गया है क्यूंकि प्रदेश की राजनीति में खलबली मचाने के लिए एक नया मामला सामने आ गया है। उत्तराखंड में आरएसएस-भाजपा से जुड़ी एक महिला कार्यकर्ता ने संगठन के ही एक वरिष्ठ पदाधिकारी पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोपी राष्ट्रीय स्वयंसेवक के प्रचारक रहे हैं और संगठन में कई अहम पदों पर भी रहे हैं। पीड़ित महिला का कहना है कि जिस मोबाइल में यौन उत्पीड़न से संबंधित कई अहम साक्ष्य थे, उसे साजिश के तहत छीन लिया गया है।
पीड़ित महिला का कहना है कि आरोपी वरिष्ठ पदाधिकारी से वो तबसे संपर्क में आई जबसे उन्हें आजीवन सहयोग निधि अभियान के दौरान प्राप्त हुए चेकों की एंट्री करने के लिए प्रदेश भाजपा कार्यालय में भेजा गया था। इस दौरान आरोपी पदाधिकारी उनसे फोन पर बहुत अधिक बार बातें करते थे, और फिर पदाधिकारी ने उन्हें कुछ आपत्तिजनक चीजें भेजी और अश्लील वार्तालाप भी की। इसकी शिकायत उन्होंने तब पार्टी के कई लोगों से भी कीं पर हर किसी ने यही कहा कि मैं इतने बड़े व्यक्ति पर झूठे आरोप लगा रही हूं मुझसे आरोपों को लेकर सबूत मांगे गए। इसके बाद महिला ने मजबूर होकर पदाधिकारी की आडियो-वीडियो कॉल रिकार्डिंग करनी शुरू कर दी और उसे पार्टी में अलग-अलग स्तरों पर लोगों को दिखाया भी।
पर महिला को दर्द इस बात का है कि इन लोगों ने कोई कार्रवाई करने के बजाए, ये सारी बातें उस वरिष्ठ आरोपी पदाधिकारी को ही बता दी। इसके बाद महिला के खिलाफ साजिश के तहत महिला मोर्चा की एक पदाधिकारी ने अपने घर पर बुलाया और वहां धोखे से मोबाइल छीन लिया गया है। और अब जब कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई तो उन्हें मीडिया के सामने आना ही पड़ा वैसे तो यौन उत्पीड़न में पीड़िता का आरोप ही काफी है, मगर पीड़िता ने मीडिया को आरोपों के संबंध में कुछ ऐसा साक्ष्य दिखाए, जो सुप्रीम कोर्ट की विशाखा गाइडलाइन के मुताबिक किसी को यौन उत्पीड़न का आरोपी मानने के लिए काफी हैं। पीड़िता ने भाजपा के जिन वरिष्ठ पदाधिकारी पर आरोप लगाया है, वो संगठन में कई विवादों में रहे हैं और उनका संबंध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से रहा है। कुछ साल पहले प्रदेश संगठन में अहम जिम्मेदारी सौंपी गई थी प्रचारक के रूप में वे हरिद्वार समेत प्रदेश के कई जनपदों में काम कर चुके हैं।