Home उत्तराखंड रुद्रप्रयाग के संजय शर्मा दरमोड़ा का PM मोदी के नाम संदेश, शराब...

रुद्रप्रयाग के संजय शर्मा दरमोड़ा का PM मोदी के नाम संदेश, शराब की दुकानें खुलने पर कही ये बात

हाईकोर्ट में वरिष्ट अधिवक्ता और सामजिक सरोकारों में सबसे आगे खड़े नजर आने वाले संजय शर्मा दरमोड़ा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से एक बड़ा सवाल पूछा है। रुद्रप्रयाग के संजय शर्मा दरमोड़ा पहाड़ के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं और जनहिताय मुद्दों पर पहली पंक्ति में खड़े दिखते है। ग्रामीणों को सदैव स्वरोजगार नशामुक्ति हेतु प्रोत्साहित करते रहते है समूचे उत्तराखंड में युवाओं को सही राह पर ले जाने के लिए तैयार रहते है। इस वक्त कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है। सरकार भी बार-बार लोगों से घरों में रहने की अपील करती रही। लेकिन लॉकडाउन 3.0 में सरकार  की तरफ से बड़ी रियायतें भी दी गयी हैं और शराब की दुकानें खुली तो लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना ही मानो लोग भूल गए हैं। अफरा-तफरी के बीच कई जगह पुलिस को व्यवस्था बनाने में भारी मशक्कत करनी पड़ रही है।

यह भी पढ़िये: देवभूमि में महापाप: पहाड़ में दुष्कर्म से आहत होकर किशोरी ने खुद को किया आग के हवाले

करोड़ों की शराब गटकने की खबरें देशभर के साथ ही उत्तराखंड में भी सुर्खियों में है, कुछ लोग तो अब यह भी कह रहे हैं कि आने वाले वक्त में शराब की दुकानों के बाहर खड़े लोग कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा सिंगल सोर्स भी बनने वाले हैं। इसी पूरे मुद्दे पर अब उत्तराखंड के समाजसेवी और वरिष्ठ अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोड़ा ने पीएम मोदी के नाम एक संदेश जारी किया है। संजय शर्मा दरमोड़ा कहते हैं कि तब्लीगी जमात से लौटे लोग कोरोना संक्रमित मामलों का आंकड़ा ढाई सौ से पांच हजार पर ले गए थे, लेकिन शराब की दुकानों पर भीड़ लगाने वाले लोग इस आंकड़े को कहीं पांच लाख पार न ले जाएं।

यह भी पढ़िये: उत्तराखंड से गुरुग्राम भेजीं गई 103 बसें, देवभूमि वापस आयेंगे 3000 प्रवासी

भारत सरकार रेवेन्यू जनरेशन किसी दूसरे तरीके से भी कर सकती थी। उनका मानना है कि उदाहरण के लिए आप सरकारी कर्मचारियों को ही देख लें। लॉकडाउन के चलते मजदूरी या प्राइवेट नौकरी करने वाले लोग घर पर बैठे हैं। स्वरोजगार करने वालों का काम छिन गया। वहीं सरकारी नौकरी करने वाले लोग भी घर पर बैठे हैं, लेकिन उन्हें पूरी तनख्वाह मिल रही है। ऐसे में सरकार ये कर सकती थी कि लॉकडाउन के दौरान घर बैठे सभी सरकारी-कर्मचारियों का वेतन निर्धारित करती। इससे भारत सरकार को अरबों रूपये की बचत होती। उन्होंने शराब की लाइन में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की। अगर शराब के ठेके खुलने से कोरोना के मामले बढ़े तो भारत की दुनियाभर में निंदा होगी।


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here