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अगस्त्यमुनि के संदीप देते हैं रोजगार के लिए धक्का खा रहे युवकों को एक मिसाल, जानिये आप भी

अगर आपमें कुछ करने का हुनर हो और आप वो काम मेहनत और ईमानदारी से कर सकते हैं तो अपने पहाड़ों में भी ऐसे ऐसे काम किये जा सकते हैं कि किसी भी युवा को रोजगार के नाम पर पहाड़ों से पलायन नहीं करना पड़ेगा, एक ऐसी ही कहानी से हम आपको यहाँ रूबरू करवा रहे हैं। रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि शहर के पास मंदाकिनी नदी के किनारे स्थित है एक गाँव जिसका नाम है हाट, इस गाँव के रहने वाले हैं युवा संदीप गोस्वामी। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद और रोजगार की तलाश में ये युवा भी सभी की तरह गाँव से बाहर दिल्ली पहुँच गया था इस आस में कि अच्छी तनख्वाह पाकर वो अपने परिवार की जरूरतें पूरी कर पायेगा।

दिल्ली में 2 साल गुजर गये पर संदीप को न वो मनचाही तनख्वाह हासिल हुई और न ही मनचाहा काम जिसे वो पूरी लगन से कर सके, और फिर ऊपर से इतनी कम सैलरी में उसके परिवार को भरण-पोषण भी नहीं हो पा रहा था। 2 साल दिल्ली में काटने के बाद ये युवा भी वापस अपने गाँव आ गया और ये सोचकर कि अब पहाड़ में ही रहकर कुछ ऐसा काम करना है जिससे स्वरोजगार के साथ-साथ ही अच्छी आमदनी भी हो सके। इसके बाद इस युवा ने साल 2013 में सबसे पहले मुर्गी पालन का काम अपने गाँव में शुरू किया और 2 साल बाद ही उन्हें इस काम से और अपनी लगन से अच्छी आमदनी प्राप्त होने बैठ गयी थी| इसके बाद युवा संदीप गोस्वामी ने सोचा क्यूँ न गाँव में ही डेयरी फार्म का काम शुरू किया जाए और फिर उन्होंने बैंक से कुछ लोन लेकर डेयरी का काम शुरू कर दिया।

डेयरी के इस काम में उनकी मदद की पशु चिकित्सा अधिकारी रमेश नितवाल ने जिन्होंने उन्हे राय दी होलिस्टन फिजियन नस्ल की गायें रखने की, उसके बाद इसी नस्ल की एक दर्जन गायें युवा संदीप गोस्वामी ने ली। एक गाय उन्हें एक समय में 10 से 12 लीटर दूध दे रही है इस हिसाब से वो हर दिन लगभग 100 लीटर दूध अगस्त्यमुनि बाजार में सप्लाई करते हैं इसके बावजूद भी लोगों को ये दूध पूरा नहीं हो पा रहा है। इस काम से युवा संदीप गोस्वामी की बहुत अच्छी आमदनी तो हो ही रही है और साथ ही उन्होंने अपनी डेयरी में 5 लोगों को रोजगार भी दे रखा है, युवा संदीप से प्रेरणा लेकर ही आज गाँव के अलावा आस-पास के बहुत सारे लोग ये काम करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं और कुछ लोगों ने तो ये काम शुरू भी कर दिया है।


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