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नियति कितनी भी निष्ठुर क्यूँ न हो, पर पहाड़ की औरतों के होसले नहीं तोड़ सकती: शानदार, जबरदस्त, जिंदाबाद

अगर आप उत्तराखंड के किसी पहाड़ी जिले से हैं तो आपने भी बचपन से ही अपनी माँ-दादी, बड़ी बहन या किसी अन्य महिलाओं के जीवन दर्शन को अच्छे से देखा होगा, और अब आप इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि जब आप गहरी नींद में सोये हुए होते हैं तो सुबह सुबह 4 बजे से ही इनकी आम दिनचर्या शुरू हो जाती है, और सुबह 4 बजे से लेकर रात 10 बजे से पहले तक आपने शायद ही कभी अपनी माँ या दादी को 5 मिनट के लिए भी आराम से कभी पलंग पर बैठे हुए देखा होगा। तो इतना कठोर होता है पहाड़ी औरतों का जीवन और इससे भी कठोर होता है इन औरतों का जज्बा, और आज हम यहाँ जिस उदाहरण के द्वारा आपको ये बता रहे हैं इससे एक बार फिर आपको इनके जिन्दादिली का अंदाजा हो जाएगा।

पिछले दिनों 16 फरवरी की वो काली रात तो आपको याद होगी ही जब उत्तरकाशी जिले का सावनी गाँव पूरी तरह से जलकर ख़ाक हो गया था, लोगों का पूरा घर जलने के बाद अभी वहां के लोग खेतों में टेंट लगाकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं, गाँव की महिलाओं की आँखों में आंसूओं का सैलाब तो है पर वो नियति से हार मानने को तैयार नहीं हैं और लग गयी हैं जीवन की गाडी को फिर से पटरी पर लाने के लिये। वहां के लोगों को दिनचर्या की जरुरी चीजों के ही लाले पड़े हुए हैं पर ये सब होने के बावजूद गाँव की महिलाएँ खुद ही अपने को ढाढस बंधाकर रोजमर्रा की चीजें जोड़नी शुरू कर दी हैं जिसके लिए वो अपने नाते रिश्तेदारों के यहाँ जाकर बर्तन, कपडे, पानी के पाइप और लकड़ी का इन्तेजाम करने में जुट गयी हैं, दूसरी और उनका कहना है की टैंटों के अन्दर हम अपना पूरा जीवन तो गुजार नहीं सकते हैं घर तो बनाना ही है, और उनकी इसी सोच के कारण लगता है बहुत ही जल्द उनका फिर से अपने घर का ख्वाब पूरा हो जाएगा।

आपको बता दें कि इस गावं के पूरे घर लकड़ी से ही बने थे और आग इसी वजह से तेजी से फैलकर पूरा गाँव मिट्टी का ढेर बन गया था। पर हम सलाम करते हैं पहाड़ की इन महिलाओं को जो अपने जज्बे से एक बार फिर यहाँ अपने लिए घर बनाने के प्रयासों में जुट गये हैं।

किसी शायर ने क्या खूब कहा है—

“पहाड़ की औरत पहाड़ों की ज़िंदगी जीते – जीते पहाड़ जैसी ही कठिन और मजबूत हो जाती है। ऐसा नहीं, कि जरा सा कष्ट आया, झट आँखें भिगा लीं। कोई नहीं देखता उनके आंसू। दिखता है तो बस काम और काम….. कितना काम किया।”