राज्य के एक लाल ने भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राण निछावर कर दिए। पिछले एक महीने में उत्तराखण्ड के 6 वीरों ने देश के लिए अपनी जान दी है। एक बार फिर पहाड़ के बेटे ने बताया कि देश की रक्षा के लिए अपनी जिंदगी देना ही सबसे बड़ा धर्म है। जानकारी के लिए आपको बता दे रविवार सुबह जम्मू कश्मीर मे आतंकियों से मुठ्फेड के दौरान ऋषिकेश के जवान प्रदीप सिंह रावत शहीद हो गए। शहीद प्रदीप सिंह रावत (२८) जम्मू कश्मीर के उडी सेक्टर मे चौथी गढ़वाल राइफल्स के लांसनायक के पद पर तैनात थे। प्रदीप सिंह रावत मूलरूप से टिहरी जिले के दोगी पट्टी के बमुण्ड गावं के रहने वाले थे, जो वर्तमान मे तीर्थनगरी ऋषिकेश के सोमेश्वरनगर मे रहते थे। प्रदीप अपने पिता के इकलौते पुत्र थे।
लांसनायक प्रदीप सिंह रावत की 2010 मे चौथी गढ़वाल राइफल्स मे भर्ती हुई थी और साल भर से वह जम्मू कश्मीर के उडी सेक्टर मे तैनात थे। शहीद के चाचा ने बताया की रविवार 3 बजे, शहीद के पिता कुंवर सिंह रावत को यूनिट की तरफ से प्रदीप की शहादत की खबर दी गयी। शहीद के पिता कुंवर सिंह रावत रिटायर्ड सूबेदार है उन्होंने बताया की उनके पूरे परिवार ने देश सेवा की है और जब इकलौते बेटे ने भी सेना मे जाने की इच्छा जाहिर की तो मे रोक नहीं सका और ख़ुशी ख़ुशी उसे देश सेवा के लिए भेज दिया।
जनवरी २०१७ मे प्रदीप की शादी हुई थी और अभी उनकी पत्नी गर्भवती है। शहीद की तीन बहने भी है जिनमे दो अविवाहित है। इकलौते बेटे के शहीद ही जाने से परिवार पर दुखो का पहाड़ टूट गया है। अभी एक हफ्ते पहले ही राज्य के वीर हमीर सिंह और मनदीप रावत भी जम्मू में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए थे। सीमा से लगातार आ रही इस तरह की घटनाओं की खबरों ने पूरे राज्य में कोहराम मचा दिया है। पूरा देवभूमि पाकिस्तान से अपने वीर सपूतों की शहादत का बदला चाहता है।