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एक बार फिर देवभूमि हुई शर्मशार, बच्ची बनी अपने ही मामा का शिकार

एक बार फिर से देवभूमि को शर्मशार होना पड़ा है जस उसके मामा ने ही पहले उसका अपहरण  किया और उसके बाद उसके साथ दुराचार किया! उसके बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने नाबालिग भांजी के अपहरण और दुराचार के दोषी मामा को सात साल की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर दस हजार का जुर्माना भी लगाया है। जिला शासकीय अधिवक्ता अवनीश नेगी और विशेष अधिवक्ता पोक्सो राकेश सामवेदी ने बताया कि चार सितंबर 2016 को नाबालिग जंगल में जानवरों को चुगाने गई थी, लेकिन जब वह घर नहीं आई तो मां ने सतपुली तहसील की एक राजस्व चौकी में गुमशुदगी लिखवाई। दो महीने बाद तीन जनवरी को आरोपी नाबालिग को उसकी बुआ के कोटद्वार स्थित घर छोड़ कर भाग गया। नाबालिग ने अपने बयानों में कहा कि उसका मामा उसे ले गया था। मामा ने उसे नजीबाबाद और हरिद्वार में रखा। इस दौरान उसने उसके साथ डरा धमका कर शारीरिक संबंध भी बनाए।

राजस्व पुलिस से यह मामला रेगुलर पुलिस के पास जांच के लिए ट्रांसफर हुआ। नाबालिग के बयान के बाद पुलिस ने पोक्सो सहित विभिन्न धाराओं में आरोपी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने 12 जनवरी 2017 को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश जीएस धर्मशक्तू की अदालत ने मामले में सुनवाई करते हुए नाबालिग के मामा को अपहरण और दुराचार का दोषी पाया और सात-सात साल की सजा सुनाई। अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भी आदेश दिए कि पीड़िता को उचित मुआवजा दिया जाए।