पांच साल पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व मंत्री यशपाल आर्य की घर वापसी के बाद अब सबकी निगाहें कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत और विधायक उमेश शर्मा काऊ पर टिकी हैं। हरक सिंह रावत भी मार्च 2016 में भाजपा में शामिल हुए थे। पार्टी में राजनीतिक हलचल के बीच हरक ने मंगलवार को फिर एलान किया कि उनकी विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है। सियासी गलियारों में इसे उनका राजनीतिक दांव भी माना जा रहा है।
मंत्री हरक ने बताया कि उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान अपनी चुनाव के प्रति अनिच्छा जताई है। इसमें उन्होंने यह कहा है कि 2012 में भी उन्होंने मां धारी देवी की कसम खाई थी, लेकिन जनता की अपेक्षाओं और चौतरफा दबाव के चलते चुनाव लड़ना पड़ा था। इस बार वह कसम तो नहीं खा रहे हैं, लेकिन चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद अगर परिस्थितियां बनीं तो बात अलग है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की मंगलवार को डामकोठी अतिथि गृह में हुई बैठक ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी। दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे वार्ता हुई। वार्ता को लेकर हर कोई अपने-अपने अंदाजे लगा रहा है।
मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि वह पार्टी के सभी नेताओं से कह चुके हैं कि अब उनकी विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है। उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक वह छह बार विधायक, कई बार मंत्री रह चुके हैं। साथ ही जोड़ा, ‘माना कि चुनाव लड़ना पड़ा तो आप कहेंगे कि धारी मां की कसम बेकार चली गई। कई बार आदमी संकल्प लेता है और मन भी होता है। कई बार ऐसा होता है कि मन की नहीं होती।’