Home उत्तराखंड 13 दिन बाद उत्तराखंड में अपने घर पहुंचा जवान का पार्थिव शरीर,...

13 दिन बाद उत्तराखंड में अपने घर पहुंचा जवान का पार्थिव शरीर, परिवार में छाया कोहराम

16 मई का वो काला दिन देवभूमि में एक जवान के परिवार के लिए मातम लेकर आया, जब पिथौरागढ़ के रहने वाले जवान नारायण सिंह परिहार की मकालू चोटी आरोहण के वक्त हुए हादसे में मौत हो गई थी। मकालू को फतह कर लौटते वक्त नारायण सिंह बर्फ में दब गए थे। इस हादसे को लगभग 12 दिन हो चुके हैं, लेकिन नारायण सिंह परिहार का पार्थिव शरीर अब तक उनके पैतृक गांव नहीं पहुंचा। उनके परिजन इस वक्त किस दर्द और तकलीफ से गुजर रहे हैं इसका आप और हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते।

शहीद जवान नारायण सिंह के पिता वीर सिंह, माता मोतिमा देवी और पत्नी दीपा देवी पिछले 13 दिन से भूखे थे और इनकी हालत बहुत ही दयनीय बनी हुई थी इनके अलावा आस-पास के लोग किसी तरह उन्हें सांत्वना दे रहे थे। रविवार को धारचूला से आई मेडिकल टीम ने पिछले कई दिनों से भूखे परिजनों का स्वास्थ्य परीक्षण किया था। जवान के माता-पिता और पत्नी रो-रोकर बेसुध हो गए थे। जिस घर का जवान बेटा इस उम्र में सबको छोड़कर चला गया हो वहां किसी को भूख कैसे लग सकती है। जवान के छोटे-छोटे बच्चे हैं, जिन्हें पड़ोस में रहने वाले लोग खाना खिला रहे हैं। ये बच्चे भी अपने पिता को याद कर बिलख रहे हैं।

अब मकालू चोटी में पर्वतारोहण के दौरान बर्फ में दबने से मृत सेना के जवान नारायण सिंह का पार्थिव शरीर सेना के हेलीकॉप्टर से धारचूला लाया गया है। पैतृक आवास बरम ले जाने के बाद उनकी अंत्येष्टि की जायेगी। बताया जा रहा है कि मौसम खराब होने के कारण शव लाने में देरी हो रही थी। नारायण सिंह परिहार के बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी और बच्चे बरम गांव में शव पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं।


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here