उत्तराखंड के हाईकोर्ट ने 6 दिसम्बर को अभिनेता सुशांत राजपूत व सारा अली खान की फिल्म केदारनाथ की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है इसके अलावा याचिका भी खारिज कर दी थी और कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फिल्म के खिलाफ डीएम रुद्रप्रयाग को प्रत्यावेदन देने को कहा है। स्वामी दर्शन भारती की ओर से याचिका पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन की एकलपीठ पर सुनवाई हुई, याचिका में कहा गया था कि यह फिल्म लव जिहाद को बढ़ावा देती है। फिल्म की पटकथा में केदारनाथ त्रासदी के साथ हिंदू आस्था व मान्यता पर चोट की गई है। बता दें कि फिल्म को लेकर हिंदू संगठनों व तीर्थ पुरोहितों की आपत्ति को देखते हुए राज्य सरकार ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज जी के नेतृत्व में कमेटी बनाई गई है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अधीन बनी कमेटी की गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक हुई जिसमें निर्णय लिया गया कि फिल्म रिलीज पर उत्तराखंड में रोक लगाने के बजाए जिलों पर जिम्मेदारी छोड़ दी गयी है। आज यानी 7 दिसम्बर शुक्रवार को देशभर में फिल्म रिलीज होने जा रही है। वहीं गृह विभाग को रिलीज के बाद स्थिति पर नजर रखने के आदेश दिए हैं। समिति में डीजीपी अनिल रतूड़ी, सचिव गृह नितेश झा और सचिव सूचना दिलीप जावलकर शामिल हैं। इसके बाद डीएम सुशील कुमार ने पौड़ी, डीएम नीरज खैरवाल ने उधमसिंह नगर, डीएम विनोद कुमार सुमन ने नैनीताल और डीएम एस ए मुरुगेशन ने देहरादून जिले में भी फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है।
उत्तराखंड भाजपा नेता अजेंद्र अजय ने फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद उसके दृश्यों पर ही आपत्ति दर्ज करा दी थी। इससे पहले दिन में फिल्म केदारनाथ के विरोध में विभिन्न हिंदूवादी संगठनों ने बृहस्पतिवार को पूरे उत्तराखंड के बड़े शहरों में प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सिनेमाघरों के सामने फिल्म के पोस्टर फाड़कर विरोध किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि फिल्म में हिंदुओं की आस्था और पवित्र धाम केदारनाथ की छवि धूमिल करने के दृश्य हैं। हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक की मांग की है इसके कार्यकर्ताओं ने बृहस्पतिवार को देहरादून के राजपुर रोड स्थित पैसेफिक मॉल, सिल्वर सिटी, सहस्त्रधारा रोड स्थित टाइम स्क्वायर, क्रॉस रोड मॉल आदि सिनेमाघरों में पहुंचकर फिल्म प्रदर्शित नहीं करने की अपील की।