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भीरी के कपिल लॉकडाउन में बने पूरी केदारघाटी के लिए प्रेरणास्रोत, हर रोज करते हैं ये काम

दुनियांभर में कोरोना का संकट और भी ज्यादा खतरनाक स्थिति में पहुँच चुका है अब तक 17 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं जबकि 1 लाख से ज्यादा लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। बात अगर भारत की करैं तो अबतक 7500 के आसपास मामले सामने आ चुके हैं और 240 लोग अपनी जान गँवा चुके हैं। उत्तराखंड में भी कोरोना संक्रमण के मामले 35 हो चुके हैं। इस बीच देशव्यापी लॉकडाउन और इस खतरे से बचने के लिए लोग अपने घरों में ही सिमटे हुए हैं और बहुत जरुरी सामान लेने ही घरों से बाहर जा रहे हैं।

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इन सबके बीच आपको एक नौजवान व्यक्ति की कहानी से आपको यहाँ रूबरू करा रहे हैं जो इस लॉकडाउन के समय में पूरे रुद्रप्रयाग जिले और खासकर केदारघाटी के लिए एक प्रेरणास्रोत बनकर सामने आ रहे हैं। हम यहाँ बात कर रहे हैं जिला रुद्रप्रयाग के ग्राम सभा टेमरिया-डमार के रहने वाले कपिल शर्मा की, जो अभी हैं मात्र 28 साल के और इस 28 साल की युवा अवस्था में ही उन्होंने ऐसे कार्य कर दिए हैं जिसके लिए आम आदमी को दूसरा जनम लेना पड़े। राजकीय इंटर कॉलेज भीरी से 12वीं करने के बाद जब उनके सारे साथी उन्हें छोड़कर बाहर शहरों की ओर जा रहे थे तो वहीँ कपिल ने गाँव में ही रहने का निश्चय किया, और उन्होंने कृषि में व्यवसाय शुरू करने का निश्चय किया, सबसे पहले तो उन्हें अपने घर से ही कड़े विरोध का सामना करना पड़ा क्यूंकि उनके घर वाले इस काम के लिए तैयार नहीं थे, जैसे तैसे उन्होंने अपने घर वालों को इस बात के लिए राजी किया।

इस दौरान उन्होंने अपने पहाड़ में पैदा की जा सकने वाली और भी बहुत सारी चीजों की जानकारी एकत्रित की और कपिल शर्मा ने फिर यहाँ सब्जियों के खेती के साथ साथ और भी बहुत सारे व्यवसाय शुरू कर दिए। अब हर साल कपिल अपने खेतों में फूलों की खेती भी करते हैं जिनकी पूरे छेत्र में बहुत मांग रहती है। इसके अलावा कपिल ने अपने खेतों में डेरी व्यवसाय भी शुरू कर दिया है, वहां उन्होंने सबसे पहले गौशाला का निर्माण किया और अब बहुत सारी गाय रखी गयी हैं जो प्रतिदिन 35 लीटर से भी अधिक दूध देती हैं।

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कोरोना के इस संकट में जहाँ सभी लोग अपने घरों में ही दुबके हुए हैं और इस दौरान कई लोग बाहरी सब्जी का भी कुछ कारणों से विरोध कर रहे हैं। तो इस घड़ी में कपिल शर्मा द्वारा उगायी गयी सब्जियों की मांग रुद्रप्रयाग, अगस्त्यमुनि, चंद्रापुरी, भीरी, उखीमठ और गुप्तकाशी में बहुत ज्यादा बढ़ गयी है। इन दिनों इनके खेतों में मटर, गोभी, प्याज, पत्ता गोभी, फूलगोभी आदि सब्जियों उगायी जा रही हैं जिनकी औसतन पैदावार हर दिन 2 कुंतल के आसपास है। कपिल इन दिनों शाम के समय इन सभी सब्जियों को इकठ्ठा करते हैं और फिर अगले दिन सुबह खुद ही इन सभी सब्जियों को अपनी गाढ़ी में डालकर हर बाजार में सप्लाई करते हैं।

सब्जियों के अलावा दूध भी उन्हें इस दौरान हर जरूरतमंद तक पहुँचाना होता है। जहाँ सभी लोग इस लॉकडाउन में खुद को सुरक्षित रखने के लिए अपने घरों तक सीमित हैं वहीँ हर दिन कपिल को इन अतिमहत्वपूर्ण काम के लिए उनके घर-घर तक जाना होता है। यह सभी काम वह पूरे जोश और जज्बे के साथ कर रहे हैं। इस वक्त उत्तराखंड के बहुत सारे युवा वापस अपने पहाड़ों की ओर आ चुके हैं और इनमें से बहुत लोग मन बना चुके हैं कि अब चाहे जो कुछ हो जाए अपने पहाड़ में ही रहना है तो इन सभी युवाओं के लिए कपिल शर्मा से बड़ा प्रेरणास्रोत शायद ही कोई अन्य हो।


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