राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड में कार्यरत अतिथि शिक्षकों के मानदेय वृद्धि का शासनादेश जारी कर दिया है। इस शासनादेश के जारी होने के साथ ही अब अतिथि शिक्षकों(Guest Teacher) का वेतन भी बढ़कर 25000 रूपए प्रतिमाह हो गया है। विदित हो कि अभी तक अतिथि शिक्षकों को मानदेय के रूप में 15000 रूपए प्रतिमाह मिलते थे। लम्बे समय से मानदेय में कोई वृद्धि ना होने के कारण शिक्षक बार-बार मानदेय बढ़ाने की मांग सरकार से करते रहते थे। लम्बे इंतजार के बाद अतिथि शिक्षकों की यह मांग गुरुवार को उस समय पूरी हो गई जब उत्तराखण्ड शासन की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया।
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मानदेय वृद्धि का शासनादेश जारी होने पर अतिथि शिक्षकों ने राज्य सरकार का आभार जताया है। कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया था कि गेस्ट टीचरों का मानदेय बढ़ाकर 25 हजार किया जाएगा। जबकि प्राथमिकता के आधार पर उनकी गृह जिलों में तैनाती की जाएगी। उनके पदों को भी खाली नहीं माना जाएगा। शिक्षा सचिव राधिका झा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत गेस्ट टीचरों का 22 नवंबर वर्ष 2018 के शासनादेश के मुताबिक 15 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय तय किया गया था। इस संबंध में शासन में विचार के बाद निर्णय लिया गया है कि इसे बढ़ाकर 25 हजार रुपये किया जाएगा। राज्यपाल की ओर से इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
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उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति होने के कारण जो अतिथि शिक्षक हटाए गए हैं, उन्हें नए कॉलेजों में समायोजित किया जाएगा। प्रदेश के हर ब्लाक स्तर पर सरकार महाविद्यालय खोलेगी। जिनमें व्यावसायिक कोर्स संचालित करने के लिए परीक्षण कराया जा रहा है। कांग्रेस विधायक हरीश धामी के प्रश्न के जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री ने सदन को अवगत कराया कि प्रदेश के कॉलेजों में शिक्षकों के 2156 पद सृजित हैं, जिनमें से 877 पद खाली थे। लोक सेवा आयोग के माध्यम से बैकलॉग व सीधी भर्ती के पदों पर स्थायी नियुक्ति की गई। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहां कॉलेजों में 95 प्रतिशत से अधिक फैकल्टी है।