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दलित को कुर्सी में बैठकर खाना खाने पर मार डाला गया था, अब पहुंची केंद्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम

उत्तराखंड में एक ऐसी घटना सामने आ रही है जिसे सुनकर थोड़ी देर के लिए उसपर भरोसा करना मुश्किल हो जाता है और ये उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे भारत को भी झकझोरने के लिए काफी है। हम आज भले ही खुद को आधुनिक समाज का व्यक्ति मानते हों पर कुछ लोगों के अन्दर जाति नाम का कीड़ा आज भी ऐसे बेठा हुआ है कि जिसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। देवभूमि उत्तराखंड में उच्च जाति के लोगों ने एक दलित को सिर्फ इसलिए मार दिया क्योंकि उसने कुर्सी में बैठकर टेबल में खाना रखकर खाने की जुर्रत की थी। ये घटना उत्तराखंड के टिहरी में बीते 26 अप्रैल को नैनबाग तहसील के अंतर्गत ग्राम श्रीकोट निवासी प्रदीप पुत्र कालिया दास की शादी के दौरान घटी, सुबह को प्रदीप की बारात श्रीकोट से जौनपुर क्षेत्र के ललोटना  गई और उसी शाम बारात वापस श्रीकोट पहुंची।

रात के समय शादी की पार्टी के दौरान क्षेत्र के ऊंची जाति के कुछ लोग खाना खा रहे थे इस दौरान उनमें से एक व्यक्ति कुर्सी से उठकर खाना लेने चला गया इसी बीच बसांण गाँव निवासी अनुसूचित जाति का युवक जितेंद्र वहां आया और कुर्सी को खाली देख उसमें बैठ गया। तब तक खाना लेने गया व्यक्ति भी वापस लौट गया और इस दौरान ऊँची जाति के लोगों और जितेंद्र में कहासुनी हो गयी।  उनमें से एक व्यक्ति ने जितेंद्र की चेयर पर लात मारी, जिससे वो गिर गया, उसके बाद गिरने के कारण उसका खाना दूसरे लोगों पर गिर गया, तो वहां मौजूद करीब आठ-दस लोगों ने उसे खूब पीटा, आयोजन स्थल से दूर ले जाकर भी उसे पीटा, वो घायल अवस्था में उस रात घर चला गया, रात को उसने परिजनों को कुछ नहीं बताया, सवेरे उसकी तबियत बिगड़ने लगी तो उसे अस्पताल ले जाया गया।

इसके बाद भी जब उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो उसे देहरादून के महंत इन्द्रेश हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया, और अब कल यानी रविवार को उपचार के दौरान जितेंद्र दास ने दम तोड़ दिया। इस खबर को सुनने के बाद से जितेन्द्र के परिवार में कोहराम मच गया है। पुलिस के अनुसार बीते 29 अप्रैल को मृतक जितेंद्र दास की बहन कुमारी पूजा ने 7 लोगों जिसमें गजेंद्र पुत्र प्रेम सिंह, सोबन पुत्र धूम सिंह, कुशल, गब्बर, गंभीर, हरबीर सिंह, हुकम सिंह के खिलाफ नामजद तहरीर दी है।  इन लोगों के ऊपर धारा 147, 323, 504, 506 आईपीसी व एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। मृतक का घर में छोटा भाई और बहन है, परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी भी इसी युवक पर थी।

केंद्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने अनुसूचित जाति के युवक जितेंद्र दास की मौत की जांच करना अब शुरू कर दिय है। आयोग के दो सदस्यीय टीम ने सोमवार को बसाण गांव पहुंचकर पीड़ित के परिजनों से घटना के संबंध में जानकारी ली। अगले तीन दिन तक टीम के सदस्य जौनपुर क्षेत्र में कैंपटी थाना, श्रीकोट गांव और नैनबाग अस्पताल जाकर घटना के कारणों की तह में जाने के कोशिश करेंगे। इस दौरान टीम के सदस्य स्थानीय लोगों के अलावा पुलिस अधिकारियों से भी पूछताछ कर रिपोर्ट केंद्रीय मानवाधिकार आयोग को सौंपेंगे।


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