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शादी के लिए दुल्हे को अमेरिका से खींच लायी उत्तराखंड की संस्कृति, ढोल-दमाऊं पर थिरके विदेशी मेहमान

भारत अगर पूरी दुनियां में अपनी खास जगह बनाता है तो वो है यहाँ की संस्कृति और परम्परायें और अगर भारत में भी बात हो देवभूमि उत्तराखंड के तो यहाँ के रीति-रिवाज हर किसी को अपनी और आकर्षित करते हैं। इन्हीं सब बातों का एक शानदार नमूना कल देर रात नैनीताल के हल्द्वानी शहर में देखने को मिला है। हल्द्वानी की रहने वाली शिम्पी वर्मा अमेरिका में वार्नर ब्रदर्स कम्पनी में काम करती हैं जो वहां की प्रतिष्ठित फिल्म बनाने वाले कंपनी है और इनके पिता हल्द्वानी में शशि कुमार वर्मा सेंचुरी पेपर मिल से सीनियर मैनेजर के पद से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। अमेरिका में शिम्पी की मुलाकात हुई वहां के रहने वाले जे स्टेनहन से जो कि जीआईएसएफ स्पेशलिस्ट हैं। शिम्पी और जे स्टेनहन की मुलाकात जब हुई तो ये प्यार में बदल गयी।

शिम्पी चाहती थी कि उनका विवाह कुमाऊंनी रीति रिवाजों से हो तो उसने ये बात जे स्टेनहन को बतायी, क्यूंकि जे स्टेनहन पहले से ही भारतीय संस्कृति से प्रभावित थे तो उन्होंने इसके लिए झट से हाँ कर दी। इस सबके बाद 12 मार्च को शादी का दिन तय किया गया तो जे स्टेनहन और उनके साथ 40 अमेरिकी रिश्तेदार पहुँच गये हल्द्वानी। उसके बाद अमेरिकी दूल्हा घोड़ी पर चढ़ा और उसके पीछे पीछे सारे अमेरिकी बाराती भारतीय परिधान और सर पर पगड़ी बांधे चल रहे थे तो जिसने भी हल्द्वानी में ये नजारा देखा वो देखता ही रह गया और फिर गाजे-बाजे के साथ वर-वधू ने सात फेरे लिए।

इस पूरे समारोह के बाद जे स्टेनहन और उनके करीबी बहुत ही ज्यादा खुश हैं और वो देवभूमि की संस्कृति से काफी भी हुए। हल्द्वानी में विदेशी मेहमानों को दिक्कत न हो इसके लिए बाकायदा शादी के कार्ड पर शहर का नक्शा भी छपवाया गया था। दुल्हन शिम्पी वर्मा ने इस मौके पर कहा कि आज भले ही वो अमेरिका में रहती हों पर उनके दिल में देवभूमि की संस्कृति हमेशा से जिन्दा रही है, और अमेरिका में रहने वाले देवभूमि के बाकी लोगों को भी वो इसके लिए प्रेरित करती रहेंगी।