Home उत्तराखंड VIDEO: फ़रिश्ते बनकर आये महेश की जिंदगी में कर्नल अजय कोठियाल, जानिए...

VIDEO: फ़रिश्ते बनकर आये महेश की जिंदगी में कर्नल अजय कोठियाल, जानिए पूरी कहानी

भारतीय सेना के जवानों और ऑफिसर्स की वीरता के किस्से तो आपने सुने होंगे। लेकिन आज हम आपको जो सुनाने जा रहे हैं, वो उत्तराखंड के लिए देवदूत से कम नहीं हैं। कर्नल अजय कोठियाल आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। देश सीमाओं से लेकर और मुल्क के अंदर हर चुनौती को बखूबी स्वीकार करने और उसे उसके अंजाम तक पहुंचाने का जुनून रखने वाले कर्नल अजय कोठियाल आज देश-दुनिया के लिए मिसाल बन गए हैं। कर्नल कोठियाल नेहरु पर्वतारोहण संस्थान यानी एनआईएम के प्रिंसिपल हैं। अब आपको बताते हैं कि उनकी हाल ही में क्या उपलब्धि है। गुप्तकाशी का महेश चंद शुक्ला जो कि एक हंसमुख, लोकप्रिय अविवाहित और कार्यरत फार्मासिस्ट है। 2013 में एक दुर्घटनाकी वजह से महेश पूर्ण रूप से विकलांग हो गया था। उसने कई डॉक्टरों को दिखाया पर कहीं भी सही ढंग से इलाज नहीं मिल पाया।

इस वजह से डॉक्टर भी इलाज की आशा छोड़ चुके थे। महेश के माता-पिता नहीं थे और देख भाल के लिए कोई करीबी भी नहीं था। वो एक अंधेरे कमरे में अक्सर अपनी ही गन्दगी में सना हुआ अकेला बिस्तर पर पड़ा रहता था। देख भाल के अभाव में वो अजीब सी बीमारी का भी शिकार हो गया। एक बीमारी ने एक स्वस्थ शरीर को हड्डियों के ढांचे में बदल दिया था। महेश हर वक्त मौत की तरफ जा रहा था। महेश के हालात की खबर कर्नल अजय कोठियाल को लगी और यूथ फाउंडेशन ने तुरंत उसका मामला हाथ में लेते हुए उसे दिल्ली भिजवाया। दिल्ली में योग्य डॉक्टरों ने 8 महीने तक महेश का इलाज किया। महेश आज 70 फीसदी ठीक हो चका है। जो कभी सरक नहीं सकता था, आज वो चलने की कोशिश कर रहा है। यहां तक कि वो पैदल चलने की कोशिश कर रहा है।

जो महेश कभी घिसट घिसट कर भी नहीं चल पाता था, आज वो अपने पैरों पर खड़ा है। जाहिर है ये सब कुछ कर्नल अजय कोठियाल की बदौलत हुआ है। कर्नल अजय कोठियाल 1992 में चौथी गढ़वाल राइफल में बतौर ऑफिसर शामिल हुए। देश की रक्षा करते हुए कर्नल अजय कोठियाल ने 7 आंतकियों को भी मार गिराया था। खुद भी 2 गोलियां उनके सीने में लगी थी। साहस के लिए उन्हें कीर्ती चक्र, शौर्य चक्र, विशिष्ट सेवा मेडल जैसे सम्मान दिए जा चुके हैं। कर्नल अजय कोठियाल ने आज तक शादी नहीं की है। वो अपनी पूरी तनख्वाह से राज्य के बेरोजगार युवाओं के लिए भारतीय सेना में शामिल होने के उद्देश्य से कैंप चलाते हैं। मौजूदा वक्त में राज्य के करीब 700 से 800 युवा उनके 6 स्थानों पर चलाए जा रहे कैंपों में ट्रेनिंग ले रहे हैं।

महेश ने अपने फेसबुक वाल पे लिखा है कि “मैं महेश शुक्ला हूँ और गुप्तकाशी का रहने वाला हूँ । 6 साल पहले मेरा एक्सीडेंट हुआ था और मेरा पूरा शरीर पैरालिसिस हो गया था । 3 साल मैन बिस्तर पर गुजरे हैं और मैं बिल्कुल भी नही हिल सकता था । मेरे परिवार ने मेरी पूरी मदद की । मैं टॉयलेट तक अपने बिस्तर पर करता था । मेरा वजन 30 किलो के लगभग हो गया था अब मैं और मेरा परिवार मेरे मरने का इंतज़ार कर रहे थे ताकि मेरी ये तकलीफ खत्म हो जाय । एक दिन मेरा यूथ फाउंडेशन से संपर्क हुआ और फिर शुरू हुआ मेरा मौत से सामना करने का सफर ।

मनोज सेमवाल सर डॉक्टर कनोजिया सर को मेरे घर लाये और फिर मुझे यूथ फाउंडेशन के कैम्प सोनप्रयाग में शिफ्ट कर दिया । कोई जानता भी नही होगा कि पिछले 6 सालों में मेरे साथ क्या क्या बीती होगी लेकिन आज मेरा सुधार इस प्रकार से हो गया है कि मैं अपने आप बिस्तर से उठना शुरू हो गया हूँ और चलने की कोशिश करने लगा हूँ । आज मैं इस बात का साक्षात प्रमाण हूँ कि दुनिया मे इंसानो के बीच मे कर्नल अजय कोठियाल सर जैसे दिव्य पुरुष भी होते हैं ।

आप भी देखिये:- जो व्यक्ति पहले बिस्तर से उठ नहीं पा रहा था वो आज कर्नल कोठियाल की वजह से इस तरह चल-फिर पा रहा है 

महेश शुक्ला जी की कलम से…मैं महेश शुक्ला हूँ और गुप्तकाशी का रहने वाला हूँ । 6 साल पहले मेरा एक्सीडेंट हुआ था और…

Gepostet von कर्नल अजय कोठियाल फ़ैन्स am Mittwoch, 30. Januar 2019

 


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here