देवभूमि का बेटा और घर का इकलौता चिराग के बुझ जाने से एक गरीब घर में फिर से गरीबी का डर सताने लगा है। क्यूंकि आज से लगभग 2 साल कुछ पहले पहाड़ का एक बेटा गढ़वाल राइफल में भर्ती हुआ था और जिसके कारण गरीबी का बोझ सिर से उतर रहा था। लेकिन अब फिर से अचानक इस बेटे के चले जाने से घर में सन्नाटा पसर गया है। हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के चमोली जिले के सेंती गांव की इस गांव का बेटा रोहिल कुछ वक्त पहे ही गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुआ था।
22 वर्षीय रोहित की मौत की सूचना मिलने के बाद से पूरे गांव के साथ-साथ प्रदेश में भी मातम पसरा हुआ है। रोहित अपने घर का इकलौता बेटा था और घर में आय का एक मात्र साधन भी था। रोहित की मां लीला देवी और बहन किरन का रो-रोकर बुरा हाल है। दो साल पहले ही रोहित लैंसडाउन में गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुए थे। इन दिनों उसकी तैनाती बीकानेर राजस्थान में थी और आजकल प्रमोशन के लिए रोहित की परीक्षाएं चल रही थी।
कल यानी 2 फरवरी को दोपहर में वे परीक्षा के लिए अपनी सीट देखने गए थे। उस दौरान रोहित वहां पर अचानक बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े। सूचना मिलते ही अन्य जवान रोहित को सेना अस्पताल ले गए और भर्ती कराया गया। लेकिन प्राथमिक उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया है। रोहित एक माह की छुट्टी बिताकर 17 जनवरी को ही बीकानेर के लिए रवाना हुए थे। अचानक घर के इकलौते चिराग के जाने से मां बेसुध पड़ी हैं। बहन को इस बात की खबर मिली, तो उसका भी रो-रोकर बुरा हाल है। सेंती गांव के साथ ही पूरे चमोली जिले में इस वक्त मातम का माहौल पसरा हुआ है।