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7 साल बाद हरमीत को फांसी की सजा, परिवार के पांच सदस्यों की बेरहमी से दी थी हत्या

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सात साल पहले दिवाली की रात परिवार के पांच सदस्यों का बेरहमी से कत्ल करने वाले हरमीत को कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है। अपर जिला जज पंचम आशुतोष मिश्रा की अदालत में सजा पर मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने अलग-अलग धाराओं में एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अक्टूबर 2014 में दीपावली की रात हरमीत ने पिता, सौतेली मां, नौ माह की गर्भवती बहन और भांजी की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी। अदालत ने गर्भस्थ शिशु की मौत को भी हत्या करार दिया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि अदालत ने इस मामले को दुर्लभतम (रेयरेस्ट आफ द रेयर) मानते हुए फैसला सुनाया है।

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हत्याकांड 23-24 अक्तूबर 2014 को कैंट थाना क्षेत्र के आदर्शनगर में हुआ था। यहां होर्डिंग कारोबारी जय सिंह का मकान है। इस मकान में जय सिंह, उनकी पत्नी कुलवंत कौर, बेटी हरजीत कौर, नातिन सुखमणि (तीन साल), नाती कंवलजीत सिंह (पांच साल) और बेटा हरमीत (जय सिंह की पहली पत्नी का बेटा) रहते थे। दीवाली से अगले दिन घर के अंदर से कोई बाहर नहीं निकला था। कुछ देर बाद वहां नौकरानी राजी पहुंची तो उसने देखा कि घर में खून फैला हुआ था। वह अंदर गई तो वहां हरजीत कौर, सुखमणि, जय सिंह और कुलवंत कौर के लहुलूहान शव पड़े थे। दरवाजे की ओट में हाथ में चाकू लिए हरमीत खड़ा था। पास में ही पांच साल का कंवलजीत भी डरा सहमा खड़ा था।

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मंगलवार को दोपहर 12 बजे सजा पर सुनवाई शुरू हुई। तकरीबन एक घंटा चली सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से 2008 में बिहार, 1980 व 1983 में पंजाब में सामने आए ऐसे ही मामलों में सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुनाई गई फांसी की सजा की दलील पेश की गईं। अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। इसके बाद शाम को करीब चार बजे का कार्यवाही दोबारा शुरू हुई और अदालत ने हरमीत का सजा सुनाई।

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