लॉकडाउन के कारण सभी काम-धंधे बंद होने के कारण और कोरोना माहमारी के प्रकोप से बचने के लिए देशभर से लगभग 1.75 लाख प्रवासी उत्तराखंड के लोग वापस अपने घरों के लिए आवेदन कर चुके हैं। पिछले कुछ समय से लगातार मांग की जा रही है कि इन सभी को जल्द से जल्द उत्तराखंड वापस लाया जाए। जिसके बाद राज्य सरकार ने यह निर्णय किया था कि जो लोग 500 किमी तक की दूरी पर हैं उन्हें लाने के लिए बसें भेजी जायेंगी और जो इससे अधिक दूरी पर हैं उन्हें वापस उत्तराखंड लाने के लिए ट्रेनों की व्यवस्था की जाएगी।
इसी कड़ी में बीते दिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रेल मंत्री पियूष घोयल से बात भी की थी और उनसे आग्रह किया था कि राज्य के लोगों के हित में जल्द से जल्द उत्तराखंड के लिए ट्रेन संचालन करने की अनुमति दी जाए और अब लगता है कि बहुत ही जल्द उनकी यह मांग पूरी भी हो गयी है। सबसे बड़ी राहत की खबर सबसे पहले गुजरात में फंसे प्रवासियों के लिए मिल रही है क्यूंकि उत्तराखंड पुलिस के द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार गुजरात में फंसे 1200 प्रवासियों को कल यानी 11 मई को वापस उत्तराखंड लाया जाएगा।
यह भी पढ़िये: राज्यों में फंसे उत्तराखण्डी प्रवासी इस साइट पर चेक कर सकते हैं अपना स्टेटस..
"खुशखबरी"कल सूरत, गुजरात से कुमाऊं के जनपदों के लगभग 1200 प्रवासियों को लेकर एक ट्रेन काठगोदाम के लिए प्रस्थान करेगी!…
Gepostet von Uttarakhand Police am Sonntag, 10. Mai 2020
कल सूरत, गुजरात से कुमाऊं के जिलों के लिए लगभग 1200 प्रवासियों को लेकर एक ट्रेन काठगोदाम के लिए प्रस्थान करेगी। तो बहुत ही जल्द इन सभी उत्तराखंड के प्रवासियों को उत्तराखंड सरकार फोन कॉल या एसएमएस के द्वारा सूचना देने वाली है कि किन प्रवासियों को इस दौरान वापस उत्तराखंड लाया जाएगा। कुमाऊं के विभिन्न स्थानों (अल्मोड़ा-119, बागेश्वर-291 चम्पावत-06, हल्द्वानी-462, नैनीताल-48, पिथौरागढ़-254, रानीखेत-04, ऊधमसिंहनगर-16) के लगभग 1200 प्रवासियों को लेकर एक ट्रेन काठगोदाम के लिए प्रस्थान करेगी। इसके बाद जल्द ही कई और ट्रेनें और बसें अलग-अलग राज्यों से उत्तराखंड की ओर प्रस्थान करने वाली हैं।
यह भी पढ़िये: उत्तराखंड: अपनों के बीच पराये हुए प्रवासी, झेलना पड़ रहा है ग्रामीणों का जबरदस्त विरोध