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देहरादून: बेटी और पोती के साथ 105 वर्षीय रामबाई ने लगाई 100 मीटर दौड़, पाया प्रथम स्थान

अलवर की पूर्व महारानी व पूर्व लोकसभा सांसद युवरानी महेंद्रकुमारी की स्मृति में आयोजित 18वीं युवरानी महेंद्रकुमारी राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 100 मीटर दौड़ में 105 वर्ष की वेटरन खिलाड़ी हरियाणा निवासी रामबाई ने प्रथम स्थान हासिल किया। रामबाई ने अपनी तीन पीढ़ियों के साथ प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में देशभर के युवाओं के साथ बुजुर्ग खिलाड़ियों ने भी अपना दम दिखाया। देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित दो दिवसीय चैंपियनशिप का उद्घाटन भारत सरकार के पूर्व मंत्री व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह ने किया। पहले दिन 100 मीटर रेस से लेकर तीन, पांच किलोमीटर की वाक और जैवलिन थ्रो की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।

इस दौरान हरियाणा की 106 वर्षीय रामबाई ने 100 मीटर रेस में पहला स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने अपनी तीन पीढ़ी के साथ प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। रामबाई ने 100 मीटर, उनकी बेटी संतरा और पोती शर्मिला सांगवान ने पांच किलोमीटर की दौड़ में प्रतिभाग किया। हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव कादमा की रहने वाली रामबाई राष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपनी तीन पीढ़ियों के साथ 100, 200 मीटर दौड़, रिले दौड़, लंबी कूद में 4 गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास बना चुकी हैं। देहरादून में भी रामबाई ने इन चारों प्रतिस्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता है।

रामबाई अपने गांव की सबसे बुजुर्ग महिला हैं और उन्हें लोग ‘उड़नपरी’- परदादी कह कर बुलाते हैं। वो खुद को फिट रखने के लिए रोज सुबह 5-6 किलोमीटर की दौड़ लगाती हैं। रामबाई ने कहा, मैं चूरमा और दही  खाती हूं। दूध भी पीती हूं। उनकी पोती शर्मिला सांगवान ने बताया,  वे उन खिलाड़ियों के परिवार से आते हैं जिन्होंने पहले कईं पुरस्कार जीते हैं। कहा कि वह शुद्ध शाकाहारी हैं जो अपने आहार में दूध से बने उत्पादों को भरपूर मात्रा में शामिल करती हैं। दादी रोज 250 ग्राम घी और आधा किलो दही खाती हैं। वह दिन में दो बार 500 मिली लीटर शुद्ध दूध भी पीती हैं। उन्होंने 104 साल की उम्र में प्रतिस्पर्धी दौड़ शुरू की और गुजरात के वडोदरा में नेशनल ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दोहरा स्वर्ण पदक जीता था।


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