उत्तराखंड में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए NGT ने परिवहन विभाग को 10 साल पुराने कमर्शियल वाहन जैसे बस, टैक्सी, ऑटो और विक्रम को बंद करने पर फैसला लेने को कहा है। आगामी 4 नवंबर को देहरादून में आरटीए की बैठक होनी है, जिसमें कमर्शियल वाहनों को बंद करने का फैसला होना तय माना जा रहा है।
उत्तराखंड परिवहन विभाग की ओर से तैयार किए गए प्रस्तावों पर यदि संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में मुहर लग जाती है तो देहरादून के साथ ही टिहरी, उत्तरकाशी और हरिद्वार जनपद में संचालित दस साल पुराने वाहनों का संचालन बंद हो जाएगा। आरटीओ डीसी पठोई ने बताया कि प्रस्ताव तैयार है, लेकिन संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में चर्चा के बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
इस प्रस्ताव पर मुहर लगती है तो न सिर्फ लाखों कॉमर्शियल वाहनों का संचालन ठप हो जाएगा बल्कि इससे जुड़े लाखों परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा हो जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश भर में ढाई लाख से अधिक कॉमर्शियल वाहन संचालित हैं। इनमें अधिकतर वाहन 10 साल से अधिक पुराने हैं। तो इसके कारण 3 लाख से ज्यादा लोगों की रोजी रोटी पर संकट आना तय माना जा रहा है।
परिवहन विभाग के इस प्रस्ताव का परिवहन महासंघ ने विरोध शुरू कर दिया है। चारधाम यात्रा संचालित करने वाली 13 कंपनियों ने इस फैसले के खिलाफ आंदोलन का मन बना लिया है। यदि एक तरफा फैसला लेकर इसे लागू किया जाता है तो इससे अराजकता का माहौल बन जाएगा। इस सिलसिले में शुक्रवार को परिवहन महासंघ की बैठक बुलाई गई है। इसमें तमाम पहलुओं पर चर्चा करने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।