इस वक्त भारत और चीन के बीच तनाव अपने चरम पर है और देशभर की जनता में आक्रोश तब और भी ज्यादा बढ़ गया है जब चीनी सैनिकों से झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे और हमारे जवानों ने भी उनके 40 से अधिक जवानों को मौत की नींद सुला दिया था। जिसके बाद से चीन की किसी भी हरकत का माकूल जवाब देने के लिए भारतीय सेना अपनी तरफ से सभी जरुरी कदम उठाने शुरू कर चुकी है। भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल सबसे शक्तिशाली और विश्व के बड़े मालवाहक जहाजों में से सुमार सी-17 ग्लोबमास्टर ने देर रात देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर लैंडिंग की। भारत-चीन सीमा के मौजूदा हालात और तनाव को देखते हुए इस भीमकाय विमान की लैंडिंग को सामरिक दृष्टि से भी बेहद अहम माना जा रहा है।
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केंद्र सरकार भी चीन के प्रति कड़ा रुख अख्तियार कर चुकी है। सामरिक दृष्टि से भारत-चीन सीमा पर सेना को मुस्तैद किया गया है। भारतीय सेना के सबसे शक्तिशाली सी-17 ग्लोबमास्टर विमान की लैंडिंग ने एक बार सबको चौंका कर रख दिया। उत्तराखंड की सीमा एक ओर से चीन से जुड़ी है। वर्तमान समय में चीन के साथ भारत के रिश्तो में बड़ी खटास आई है। केंद्र सरकार ने भी तीनों सेनाओं को सामरिक रूप से छूट दी है। ऐसे में सी-17 ग्लोबमास्टर की देर रात जौली ग्रांट एयरपोर्ट पर लैंडिंग कुछ सामान्य नहीं है। गलवां घाटी में हिंसक झड़प के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने लिपुलेख में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
भारतीय वायु देना के जेट फाइटर ने शनिवार सुबह सीमा के पास उड़ान भरी। सीमा पर तनाव को देखते हुए छुट्टी पर घर आए जवानों व अधिकारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गईं हैं। 20 दिन पूर्व चीनी सुरक्षा बलों ने लिपुलेख में बनी भारतीय टिन शेड को हटाने की चेतावनी लिखा बैनर लहराने के बाद से ही आईटीबीपी और भारतीय सेना ने नाभीढ़ाग से लिपुलेख तक गश्त तेज कर दी है। शनिवार को लिपुलेख सीमा के पास भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट उड़े।
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C-17 की खासियत—-
लंबाई -174 फीट, चौड़ाई- 170 फीट, ऊंचाई- 55 फीट
3500 फीट लंबी हवाई पट्टी पर उतरने की क्षमता
1500 फीट पर आपातकाल में उतारने में सक्षम
70 टन वजन ले जाने में सक्षम
42 हजार किमी तक की उड़ान भर सकता है एक बार में
150 से अधिक जवानों को एक साथ ले जाने की क्षमता
3 हेलीकॉप्टरों या दो ट्रकों को एयरलिफ्ट करने की ताकत